नई दिल्ली: Parliament Productivity Time: संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को खत्म हो गया. इस बार का सत्र काफी हंगामेदार रहा. विपक्ष ने अडानी और गृह मंत्री शाह के अंबेडकर वाले बयान पर विरोध किया. जबकि विपक्ष ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने भाजपा सांसदों से धक्का-मुक्की की. इस दौरान भाजपा सांसद प्रताप सारंगी को चोट लगी. राहुल गांधी पर FIR भी दर्ज हो गई. इस हंगामेदार सत्र में कितना काम हुआ, सदन कितने घंटे चला और सदन चलाने में कितना खर्चा आता है... इन तमाम सवालों का जवाब जानते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकसभा की प्रोडक्टिविटी
लोकसभा सचिवालय के आंकड़ों की मानें तो सदन की उत्पादकता यानी Productivity 58% के आसपास रही. लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट कामकाज हुआ. लोकसभा में 20 बैठकें हुईं.


राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी
जबकि राज्यसभा में 43 घंटे और 27 मिनट कामकाज हो पाया. इस सत्र की उत्पादकता मात्र 40.03% के आसपास रही. राज्यसभा में 19 बैठकें हुईं. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सभी दलों से राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने का आह्वान किया. साथ ही सांसदों से संसदीय मर्यादा बहाल करने का आह्वान भी किया.


कितने बिल पेश हुए?
इस शीतकालीन सत्र में लोकसभा में 5 विधेयक पेश हुए, इनमें से 4 पारित हुआ. जबकि राज्यसभा में तीन बिल पारित हुए हैं. दोनों सदनों में 'भारतीय वायुयान विधेयक, 2024' नामक एक बिल पारित किया गया.


इतने करोड़ रुपये हुए खर्च
संसद की कार्यवाही में एक मिनट के 2.50 लाख रुपये खर्च होते हैं. एक घंटे में 1.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. इस बार 20 दिन तक संसद चली है, करीब 84 करोड़ रुपये इस कार्यवाही में खर्च हुए. लेकिन संसद का ज्यादातर समय 'धक्का-मुक्की' और 'तू तू-मैं मैं' में बीत गया. सरकार और विपक्ष के बीच समन्वय न होने के कारण यह सत्र हंगामेदार हुआ. नतीजतन, राज्यसभा और लोकसभा में प्रोडक्टिविटी काफी कम हुई.


ये भी पढ़ें- President Putin: पुतिन से पत्रकार ने पूछ डाला ऐसा सवाल, चंद सेकंडों तक गला साफ करते रहे रूसी राष्ट्रपति!


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.