नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से हटाए जाने और मंत्रिमंडल से बर्खास्त किये जाने के एक दिन बाद पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उनके विरुद्ध साजिश की जा रही है. चटर्जी (69) को स्कूल भर्ती घोटाला के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. उन्हें आज चिकित्सीय परीक्षण के लिए शहर के दक्षिण में स्थित जोका क्षेत्र में ईएसआई अस्पताल ले जाया गया.


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'साजिश का शिकार' बनाया जा रहा है?


अस्पताल के बाहर एक वाहन के पास उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें 'साजिश का शिकार' बनाया जा रहा है. गिरफ्तारी से पहले चटर्जी के पास औद्योगिक और संसदीय मामलों का विभाग था.


उन्होंने ये भी बताया कि उनके शिक्षा मंत्री रहते कथित घोटाला हुआ था जिसकी जांच के दौरान चटर्जी की करीबी सहायक अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद हुई. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार शाम को चिनार पार्क इलाके में स्थित मुखर्जी के तीसरे अपार्टमेंट पर छापेमारी की.


पार्थ को मंत्री पद से कर दिया गया बर्खास्त


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है. पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता बनर्जी ने ये एक्शन लिया. दरअसल ED ने पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से करीब 28 करोड़ रुपये कैश और 5 किलो सोना बरामद किया है, लेकिन हैरान करने वाली खबर ये है कि अर्पिता ने कहा है कि रुपये पार्थ चटर्जी के हैं.


छोटी-छोटी फिल्मों में काम करने वाली, हजारों की पगार पाने वाली अर्पिता ने करोड़ों से ज्यादा की दौलत कूट डाली. अर्पिता ने पार्थ चटर्जी के साथ मिलकर ऐसा जाल फैलाया कि बड़े-बड़े अरबपति कारोबारी गश खाकर गिर जाएं. 50 करोड़ रुपये से अधिक सिर्फ कैश मिला है. 5 करोड़ से ज्यादा का सोना मिला है.


इन पैसों में अर्पिता का क्या कहना है?


नोटों का ये पहाड़ शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से मिला है लेकिन अर्पिता मुखर्जी बोल रही है कि करोड़ों रुपयों को छोड़िए, एक रुपया तक मेरा नहीं है. सूत्रों के मुताबिक अर्पिता ने ED की पूछताछ में अपने घर से बरामद कैश से पल्ला झाड़ लिया है.


अर्पिता का कबूलनामा


पूछताछ में अर्पिता ने कहा कि 'ये सारे रुपये पार्थ चटर्जी के हैं. पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपये रखने के लिए करते थे. पार्थ के कर्मचारी उसके घर पर पैसा रख के जाते थे. कभी- कभी पार्थ खुद भी आते थे, मुझे इस कमरे में जाने की मनाही थी. मुझे अंदाजा नहीं था कि घर में इतना सारा कैश रखा होगा.'


ईडी ने अर्पिता के दूसरे मकान पर बुधवार की शाम छापा मारा तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं. अंकिता के इस फ्लैट  में अलग-अलग जगह छिपाकर करोड़ों की दौलत रखी गई थी. मतलब पार्थ चटर्जी के साथ-साथ घूमने वाली अर्पिता पैसे छापने की मशीन है. पूरा का पूरा टकसाल, इस बिल्डिंग में ईडी का दस्ता जब पहुंचा तो उनकी आंखें दौलत के दस्तावेज देखकर बटन हो गईं. अर्पिता ने पार्थ चटर्जी के साथ मिलकर काली कमाई का कारखाना खोल दिया था. 


अर्पिता और पार्थ करोड़ से नीचे की दौलत को तो मिट्टी की तरह समझते थे. दर्जनों संपत्तियों के तो कागज मिल चुके हैं. इतने पैसे मिल चुके हैं कि गणित का सारा हिसाब बदल दिया है. पांच सौ और दो-दो हजार के इस नोट ने पार्थ चटर्जी का पद छीन लिया है. 


टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 'पार्थ चटर्जी को फिलहाल सभी पदों से हटाने का फैसला किया गया है. वो नेशनल वर्किंग कमेटी के सदस्य थे, महासचिव थे. जागो बांग्ला के एडिटर थे, पार्टी का हमारा मुखपत्र है, अनुशासनात्मक बोर्ड के सदस्य थे. ये सभी पांचों पदों से उन्हें हटाने का फैसला किया गया है.'


बीजेपी सड़कों पर है. पार्थ चटर्जी को पार्टी से निकालने की मांग कर रही है और ममता से इस्तीफा मांग रही है. अभी तो पार्थ चटर्जी के घर से सिर्फ नोट मिले हैं. रोल नंबर का पेपर मिला है. एडमिट कार्ड का ब्योरा मिला है. जब जांच होगी तो पता चलेगा, किसका भतीजा और किसकी भांजी. बंगाल के स्कूलों में बच्चों को एटूजेड का ज्ञान दे रही है.


आरोप है कि अर्पिता, पार्थ चटर्जी और फर्जी तरीके से नौकरी पाने वालों के बीच वो कड़ी थी, जो रुपये को चुंबक की तरह खींच लेती थी. बंगाल में अर्पिता जहां भी रही, सबसे गहरी दोस्ती गुलाबी नोटों से रही. ईडी अर्पिता के घर के जिस दरवाजे को तोड़ रही, काली कमाई का तिलिस्म भी टूट रहा.


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