चंद्रबाबू के `मददगार` बनकर वापस लौटेंगे PK! आंध्र प्रदेश की राजनीति में मची हलचल
प्रशांत किशोर और चंद्रबाबू नायडू के बीच बैठक तीन घंटे तक चली है. प्रशांत किशोर की नायडू से मुलाकात ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.
अमरावती. देश के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई बार दावा कर चुके हैं कि वो अब इस फील्ड को छोड़ चुके हैं. बीते काफी समय से वो बिहार में अपने जनसुराज अभियान में व्यस्त हैं. लेकिन अब उनकी 'वापसी' की खबर ने आंध्र प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से टीडीपी-जेएसपी गठबंधन के चुनावी बिगुल फूंकने के कुछ दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने PK से मुलाकात की है.
विशेष विमान से पहुंचे PK
एक रिपोर्ट के मुताबिक PK विशेष विमान से टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश के साथ विजयवाड़ा पहुंचे और फिर शनिवार को नायडू के साथ बैठक के लिए अमरावती चले गए. बैठक तीन घंटे तक चली. मुलाकात ने राज्य की राजनीति में तूफान ला दिया. हालांकि खुद PK ने इसे शिष्टाचार बैठक करार दिया है. लेकिन उनके दावों से इतर राज्य के सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.
2019 में जगन मोहन की हुई थी जीत, रणनीति पीके ने बनाई थी
बता दें कि PK ने 2019 के विधानसभा चुनाव के वक्त YSR कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी. तब उनके सामने टीडीपी थी. इसी के बाद जगन मोहन रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी की भारी जीत हुई थी. उसे 151 सीटें हासिल हुई थीं. यही नहीं लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने 25 में से 22 सीटों पर जीत हासिल की थी.
दरअसल साल 2018 में राजनीति में उतरने से पहले प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वह किसी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. हालांकि उन्होंने वाईएसआरसीपी के साथ काम पूरा किया क्योंकि उन्होंने पहले ही जगन रेड्डी के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी. बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव केवल चार-पांच महीने दूर हैं, ऐसे में प्रशांत किशोर की नायडू से मुलाकात ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.
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