नई दिल्लीः PM Modi ने शुक्रवार को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)की सालाना बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने 1 साल में ही मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन बनाई. इसके लिए पीएम (PM Modi) ने सभी वैज्ञानिकों का धन्यवाद किया. विश्व पर्यावरण दिवस से पहले उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भी बात की और कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती आज हमारे सामने है. कोरोना संकट ने रफ्तार में कमी की लेकिन संकल्प में कमी नहीं है.



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएम मोदी ने और क्या कहा- खास बातों पर डालते हैं नजर


प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पीएम मोदी ने बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को 0उसके लिए कई साल इंतज़ार करना पड़ता था. लेकिन आज देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं.


हमारे वैज्ञानिकों ने 1 साल में ही मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन बनाई. इसके लिए सभी वैज्ञानिकों का धन्यवाद करता हूं. 


किसी भी देश में साइन्स और टेक्नालॉजी उतनी ही ऊंचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री से, मार्केट से संबंध होता है. हमारे देश में CSIR साइन्स, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक इंस्टीट्यूशनल अरेंजमेंट करता है. 


समय-समय पर CSIR ने देश को कितनी ही प्रतिभाएं दी हैं, कितने ही वैज्ञानिक दिए हैं. शांतिस्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है.


आज भारत, एग्रिकल्चर से एस्ट्रॉनॉमी तक, डिजास्टर मैनेजमेंट से डिफेंस टेक्नॉलॉजी तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बायोटेक्नालजी से लेकर बैटरी टेक्नालजीज़ तक, हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है.


आज भारत सतत विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है. आज हम सॉफ्टवेयर से लेकर सैटेलाइट तक, दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं, दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं.


वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की देशभर में आज 38 वैज्ञानिक शोध प्रयोगशालाएं विज्ञान के विविध क्षेत्रों में काम कर रही हैं. इनकी स्थापना का श्रेय डॉ शांति स्वरूप भटनागर को जाता है. 


यह भी पढ़िएः रेमडेसिवर की कालाबाजारी करने वाले पर लगा NSA, नोएडा पुलिस ने की कार्रवाई


कौन हैं डॉ. शांति स्वरूप भटनागर
वह मशहूर भारतीय वैज्ञानिक और अकादमिक प्रशासक थे. उनको भारत की फादर ऑफ रिसर्च लैब कहा जाता है. डॉ भटनागर ने भारत में कुल बारह राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं स्थापित कीं. इनमें मैसूर में केन्द्रीय खाद्य प्रोसैसिंग प्रौद्योगिकी संस्थान, पुणे में राष्ट्रीय रासायनिकी प्रयोगशाला, दिल्ली में नेशनल फिजिक्स लैब, जमशेदपुर में नेशनल मैटलर्जी लैब और केन्द्रीय ईंधन संस्थान, धनबाद शामिल है.


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.