BRICS में PM Modi की दो टूक, आतंकवाद और इसके समर्थक देशों का हो विरोध
पीएम मोदी ने कहा, ``आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए.
नई दिल्ली: Brics Virtual Summit 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ-सीधी बात की. उन्होंने दो टूक कहा कि आतंकवाद और आतंकवाद के समर्थक मुल्कों का विरोध होना चाहिए. पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए नाम लिए बिना पाकिस्तान पर निशाना साधा.
पीएम मोदी ने कहा, ''आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए.
कई विषयों पर बोले PM Modi
ब्रिक्स वर्चुअल सम्मेलन (Brics Virtual Summit 2020) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आतंकवाद की समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाने की जरूरत बताई. इसके अलावा पीएम मोदी ने Corona virus को लेकर आर्थिक मोर्चे पर सफलता के लिए किए जाने वाले प्रयासों की भी चर्चा की.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर पीएम मोदी ''ग्लोबल स्टैबिलिटी, शेयर्ड सिक्यॉरिटी एंड इनोवेटिव ग्रोथ'' थीम पर आयोजित वर्चुअल ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए.
कई वैश्विक संगठनों के सुधार पर जोर
पीएम मोदी ने Brics में संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व व्यापार संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की कवायद पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, यह एक बड़ी समस्या है.
इसकी वजह है कि समय के साथ इनमें बदलाव नहीं आया. PM Modi ने कहा कि ये संस्थान अभी भी 75 साल पुरानी सोच पर हैं. भारतीय सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता है. इसमें हमें ब्रिक्स साथियों के सहयोग की जरूरत है.
आत्मनिर्भर भारत को भी रखा सामने
पीएम मोदी ने कहा, ''हमने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत एक व्यापक सुधार प्रक्रिया को शुरू किया है. भारत ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है. यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मददगार साबित हो सकता है.
भारत ग्लोबल वैल्यू श्रंखला में एक मजबूत योगदान दे सकता है. भारत ने COVID-19 के दौरान भी आत्मनिर्भरता का उदाहरण पेश किया. भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए.
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