मन की बात में बोले PM Modi, हमने हर संकट से लिया है सबक
कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने साल 2020 में आई चुनौतियों खासकर कोरोना संक्रमण के खतरे से की. PM ने कहा, `इस वर्ष `चुनौतियाँ खूब आईं. संकट भी अनेक आए. कोरोना के कारण दुनिया में supply chain को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए हैं.`
नई दिल्लीः पीएम मोदी ने रविवार सुबह देशवासियों को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए संबोधित किया. इस दौरान एक बार फिर उन्होंने लोगों को लोकल फॉर वोकल का मंत्र या दिलाया और आत्मनिर्भरता की बात की. साल के आखिरी 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सबसे पहले जनता की ओर से लिखी चिट्ठियों की बात की. इस मौके पर उन्होंने गीता का जिक्र किया और गुरु गोविंद सिंह और उनके पुत्रों को याद किया.
रविवार को PM Modi के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann ki Baat) का 72वां संस्करण था. इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2020 में आई चुनौतियों खासकर कोरोना संक्रमण के खतरे से की. PM ने कहा, "इस वर्ष "चुनौतियाँ खूब आईं. संकट भी अनेक आए. कोरोना के कारण दुनिया में supply chain को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए हैं." इसके अलावा उन्होंंने कहा कि देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराना है, यही आपका प्रण होना चाहिए.
PM Modi ने कहा कि देश में मैंने आशा का एक अद्भुत प्रयोग देखा. हर संकट से हमने सबक लिए. देश में एक नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ. इस सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है.
उन्होंने कहा, "यह परिवर्तन संकट के समय आया है और वो भी एक साल के भीतर-भीतर. इस परिवर्तन को आंकना आसान नहीं है. अर्थशास्त्री भी, इसे, अपने पैमानों पर तौल नहीं सकते."
तेंदुओं की आबादी बढ़ी
PM Modi ने कहा कि भारत में 2014 से 2018 के बीच तेंदुओं की संख्या में 60% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, जो 2019 में बढ़कर 12,852 हो गई है. अधिकतर राज्यों, विशेषकर मध्य भारत में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है.
तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं. पिछले कुछ सालों में, भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है, बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, साथ ही भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है.
हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय बनें: पीएम
कार्यक्रम के जरिए उन्होंने एक बार फिर वोकल फॉर लोकल की बात की. उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल ये आज घर-घर में गूंज रहा है ऐसे में अब यह सुनिश्चित करने का समय है कि हमारे उत्पाद विश्ववस्तरीय हों. जो भी ग्लोबल बेस्ट है, वो हम भारत में बनाकर दिखाएं.
इसके लिए हमारे उद्यामी साथियों को आगे आना है. स्टार्टअप को भी आगे आना है. मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि आप भी एक सूची बनाएं. ये देखें कि अनजाने में कौन-सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है. इनके भारत में बने विकल्पों का पता करें और ये तय करें कि हम आगे से भारत में बने उत्पादों का इस्तेमाल करेंगे.
कश्मीरी केसर को किया याद
पीएम ने कहा- कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं. यह अत्यंत सुगन्धित होता है, इसका रंग गाढ़ा होता है और इसके धागे लंबे और मोटे होते हैं जो इसकी औषधीय मूल्य को बढ़ाता है.
इसी साल मई में कश्मीरी केसर को Geographical Indication Tag यानि GI Tag दिया गया. इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक विश्वस्तरीय और लोकप्रिय ब्रैंड बनाना चाहते हैं.
आध्यात्म की भी बात की
पीएम मोदी ने दो दिन पहले बीते गीता जयंती पर्व का उल्लेख किया. कहा- आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है? वो इसलिए कि ये भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है, लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है.
अर्जुन ने भगवान से प्रश्न किया, जिज्ञासा की, तभी तो गीता का ज्ञान संसार को मिला. वेदांत का तो पहला मंत्र ही है 'अथातो ब्रह्म जिज्ञासा', अर्थात आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें. उन्होंने कहा कि जब तक जिज्ञासा है, तब तक नया सीखने का क्रम जारी है.
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