नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नामिबिया से आए 8 चीते पूरे देश का अटेंशन खींच सकते हैं लेकिन असली गिफ्ट कुछ है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने जन्मदिवस पर नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी देश के सामने रखेंगे जो वास्तविकता में अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है.


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इस पॉलिसी के जरिए लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को 8 प्रतिशत तक कम किया जाना है और बाद में इसका लक्ष्य 13 फीसदी की कमी तक का है. इस पॉलिसी के लागू होने के बाद देश के लॉजिस्टिक्स पॉलिसी इंडेक्स में भी सुधार होगा. लक्ष्य दुनिया के टॉप 25 देशों में जगह बनाने का है.


सरकार का लंबा ग्राउंड वर्क
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इस पॉलिसी के लिए बीते 8 महीने के दौरान जमकर होमवर्क किया. इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे 14 राज्यों ने अपनी स्टेट लॉजिस्टिक्स पॉलिसी तैयार की है और 11 अन्य राज्यों की प्रक्रिया जारी है.


क्या होगा फायदा?
इस नीति में प्रक्रियागत इंजीनियरिंग, डिजिटलीकरण और बहु-साधन परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान दिए जाने की संभावना है. यह कदम इस लिहाज से अहम है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू उत्पादों को प्रतिस्पर्द्धी बनाने में ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत प्रतिकूल असर डालती है. 


इस संबंध में शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक की लागत अधिक है, इसलिए इस नीति की आवश्यकता है. घरेलू और निर्यात.....दोनों बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है.’ 


लॉजिस्टिक्स की कम लागत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करती है, साथ ही मूल्यवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहित करती है. यह नीति, लॉजिस्टिक्स के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए एक व्यापक अंतर-क्षेत्रीय ढांचे को निर्धारित करके उच्च लागत और दक्षता में कमी से जुड़े मुद्दों का हल निकालने का व्यापक प्रयास है.

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