आफताब ने श्रद्धा की हत्या क्यों की? पुलिस ने 6,636 पन्नों की चार्जशीट में किया खुलासा
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को श्रद्धा वाकर हत्याकांड में कुल 6,636 पन्नों और 100 गवाहों के साथ-साथ फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर चार्जशीट दायर की है. आरोपी आफताब अमीन पूनावाला पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने और फिर उसके शरीर को कई टुकड़ों में काटकर छतरपुर के जंगल में फेंकने का आरोप है.
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को श्रद्धा वाकर हत्याकांड में कुल 6,636 पन्नों और 100 गवाहों के साथ-साथ फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर चार्जशीट दायर की है. आरोपी आफताब अमीन पूनावाला पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने और फिर उसके शरीर को कई टुकड़ों में काटकर छतरपुर के जंगल में फेंकने का आरोप है. यही नहीं आरोपी ने शव के टुकड़े फेंकने से पहले एक फ्रीज में रखे थे.
दोस्त से मिलना नहीं था पसंद
संयुक्त पुलिस आयुक्त, दक्षिण, मीनू चौधरी ने कहा कि पूनावाला को वाकर का किसी अन्य दोस्त से मिलने जाना पसंद नहीं था. हत्या के मकसद के बारे में पूछे जाने पर ज्वाइंट सीपी ने कहा कि जब वाकर दोस्त से मिलने के बाद वापस आई तो पूनावाला हिंसक हो गया और यह घटना हो गई.
चौधरी ने कहा, यह एक विस्तृत जांच थी. हमने मामले को सुलझाने और सभी प्रासंगिक साक्ष्य एकत्रित करने के लिए डीसीपी, दक्षिण, चंदन चौधरी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया था. कई टीमें मामले पर काम कर रही थीं.
श्रद्धा के पिता ने दी थी शिकायत
मामला तब सामने आया जब वाकर के पिता विकास वाकर ने 6 अक्टूबर को मुंबई पुलिस से संपर्क किया, जब उनकी बेटी की सहेली उनके पास आई और कहा कि वह कुछ समय से गायब है. महाराष्ट्र पुलिस ने गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज की थी. तलाश करने पर पिता को पता चला कि वह अपने लिव-इन पार्टनर पूनावाला के साथ दिल्ली में रह रही है.
उसकी तलाश में मुंबई पुलिस भी 9 नवंबर 2022 को दिल्ली आ गई और 24 घंटे बाद 10 नवंबर को छतरपुर इलाके में वाकर के नहीं मिलने पर महरौली थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई.
पूछताछ में आफताब ने किए खुलासे
पुलिस जांचकर्ताओं ने पूनावाला का पता लगाया और हिरासत में लिया, जब लगातार पूछताछ की गई तो उसने 18 मई को छह महीने पहले किए गए बर्बर अपराध के सभी भयानक विवरणों का खुलासा किया. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के निशान को स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण था. अधिकारी ने कहा, इसके लिए एक अलग टीम बनाई गई.
चार्जशीट में फॉरेंसिक रिपोर्ट भी शामिल
अधिकारियों के अनुसार, चार्जशीट में फॉरेंसिक रिपोर्ट भी शामिल हैं. डिजिटल और तकनीकी साक्ष्य के साथ डीएनए रिपोर्ट यह साबित करने के लिए कि पूनावाला ने जघन्य अपराध किया है. जबकि नार्को या पॉलीग्राफ परीक्षण सबूत के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं. पुलिस ने कहा कि दोनों परीक्षणों ने उनकी जांच में सहायता की और यह चार्जशीट का हिस्सा हैं.
पुलिस ने हड्डियों के 23 टुकड़े किए बरामद
पुलिस ने हड्डियों के 23 टुकड़े बरामद किए और उन्हें डीएनए मिलान के लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और डीएनए माइटोकॉन्ड्रियल प्रोफाइलिंग के लिए हैदराबाद के सेंटर फॉर फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स भेजा. डीएनए मैच की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने अस्थियों को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया.
(इनपुटः आईएएनएस)
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