नई दिल्ली: नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि वह ‘‘बेहद महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे जम्मू-कश्मीर’’ का रास्ता तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे. हालांकि, उन्होंने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनका नाम का प्रस्तावित करने को लेकर विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद दिया. 


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ममता बनर्जी ने प्रस्तावित किया था नाम


नेकां द्वारा जारी बयान के अनुसार, लोकसभा सदस्य ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उनका नाम प्रस्तावित किए जाने पर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं. 


अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘ममता दीदी द्वारा मेरे नाम का प्रस्ताव रखे जाने के बाद मुझे विपक्ष के कई नेताओं का कॉल आया और वे उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम का समर्थन कर रहे हैं.’’ नेकां प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और परिवार के सदस्यों के साथ इस ‘‘अप्रत्याशित’’ घटनाक्रम पर चर्चा की. 


फारुक अब्दुल्ला ने समर्थन के लिए दिया धन्यवाद


फारुक अब्दुल्ला ने यह भी कहा, ‘‘मुझे जो समर्थन मिला है, उससे मैं बहुत खुश हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि देश के सर्वोच्च पद के लिए मेरे नाम पर विचार किया गया. मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर इस समय बहुत महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय में उसे मेरे प्रयासों की जरूरत है.’’ 


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि ‘‘सक्रिय राजनीति में अभी उन्हें बहुत कुछ करना है और वह जम्मू-कश्मीर तथा देश की सेवा में अभी बहुत कुछ करना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं विचारार्थ अपने नाम को पूरे सम्मान के साथ वापस लेना चाहता हूं तथा मैं संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करूंगा.’’ 


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