नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना वायरस महामारी के स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था पर पड़े विनाशकारी प्रभावों का उल्लेख करते हुए शनिवार को कहा कि महामारी की तीव्रता में कमी आई है, लेकिन इसका प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है, ऐसे में प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी टीका लगवा लें और दूसरों को भी प्रेरित करें.


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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिया संबोधन
स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘‘ कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आज़ादी का सपना साकार हुआ था. उन सभी ने त्याग व बलिदान के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए. मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं.’’


कोरोना का किया जिक्र
कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी की तीव्रता में कमी आई है, लेकिन कोरोना-वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि हर तरह के जोखिम उठाते हुए, डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है.



वैक्सीन लगवाने की अपील
कोविंद ने कहा, ‘‘ इस समय वैक्सीन हम सबके लिए विज्ञान द्वारा सुलभ कराया गया सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है. मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें और दूसरों को भी प्रेरित करें.


अर्थव्यवस्था का जिक्र
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान कोरोना महामारी से लोगों के स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था पर पड़े विनाशकारी प्रभावों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने इस दिशा में गंभीरता एवं संवेदनशीलता से प्रयास किया.उन्होंने कहा, ‘‘यह तथ्य संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक वर्ष की अवधि में ही 23,220 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.


ओलंपिक खेलों का जिक्र
राष्ट्रपति ने हाल ही में संपन्न तोक्यो ओलंपिक में देश के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने देश का गौरव बढ़ाया है.उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हर माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें.’’


खेती, विज्ञान का जिक्र
कोविंद ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में - विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में - बढ़ोतरी जारी रही है.उन्होंने कहा कि जब कारोबार की सुगमता की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों के ‘जीवन स्तर’ पर भी पड़ता है.


राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि विपणन में किए गए अनेक सुधारों से अन्नदाता किसान और भी सशक्त होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी.उन्होंने कहा, ‘‘ मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूं. 


कोविंद ने कहा, ‘‘ हमारा लोकतन्त्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, इसलिए संसद हमारे लोकतन्त्र का मंदिर है. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस नए भवन के उदघाटन को विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक प्रस्थान बिन्दु माना जाएगा.’’


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