नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से नमामि गंगे मिशन के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बद्रीनाथ समेत कई शहरों की 6 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नमामि गंगे मिशन के तहत 6 मेगा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया. इनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शामिल हैं. सबसे पहले आपको इन 6 प्रोजेक्ट क बारे में बताते हैं.


नमामि गंगे मिशन: 6 मेगा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन


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    हरिद्वार के जगजीतपुर में 230.32 करोड़ का एक और 19.64 करोड़ की लागत का दूसरा एसटीपी

  2. हरिद्वार के सराय में 12.99 करोड़ की लागत का एक एसटीपी

  3. ऋषिकेश के चन्द्रेश्वर नगर में 41.12 करोड़ की लागत का एक एसटीपी

  4. ऋषिकेश के लक्कड़घाट, में 158 करोड़ की लागत का एक एसटीपी

  5. बद्रीनाथ में 18.23 करोड़ रुपये से बना ट्रीटमेंट प्लांट

  6. मुनी की रेती, टिहरी में 39.32 करोड़ रुपये लागत  का ट्रीटमेंट प्लांट


अब आपको इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कई बड़ी बातों का जिक्र किया. आपको पीएम मोदी के संबोधन की कुछ बड़ी बातें बताते हैं.


PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें


1). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,"आज जिस पुस्तक का विमोचन हुआ है, उसमें भी विस्तार से ये बताया गया है कि गंगा किस तरह हमारे सांस्कृतिक वैभव, आस्था और विरासत का बहुत बड़ा प्रतीक है. आज मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाली 6 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया. इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, इनके लिए मैं उत्तराखंड के सभी लोगों को बहुत बधाई देता हूं."


2). उन्होंने बोला कि"उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक मां गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं. इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है."


3). पीएम मोदी बोले, "बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े अभियान शुरू हुए थे. लेकिन उन अभियानों में न तो जन भागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता. अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती, लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े. हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया."


4). उन्होंने कहा कि "सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया.


पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया


दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें


तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5,000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना


चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना"


"आज सरकार के इस चौतरफा काम का परिणाम हम सब देख रहे हैं. आज नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है."


5). साथ ही पीएम ने बोला कि "उत्तराखंड में तो स्थिति ये थी कि गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ से हरिद्वार तक 130 से अधिक नाले गंगा जी मे गिरते थे. आज इन नालों में से अधिकतर को रोक दिया गया है. प्रयागराज कुंभ में गंगा जी की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था. अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है."


6). PM मोदी ने कहा, "अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा. ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है."


7). उन्होंने बोला, "इसमें ऋषिकेश से सटे मुनि की रेती का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है. इसके कारण यहां गंगा जी के दर्शन के लिए आने वाले और राफ्टिंग करने वाले साथियों को बहुत परेशानी होती थी. आज से यहां देश का पहला चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो चुका है. हरिद्वार में भी ऐसे 20 से अधिक नालों को बंद किया जा चुका है."


8). प्रधानमंत्री ने कहा, "अभियान को अब नये स्तर पर ले जाया जा रहा है. गंगा जी के स्वच्छता के अलावा अब गंगा जी से सटे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के विकास पर भी फोकस है. सरकार द्वारा उत्तराखंड के साथ ही सभी राज्य के लोगों को जैविक खेती से जोड़ने की योजना बनाई गई है."


9). नरेंद्र मोदी ने कहा कि "आज पैसा न पानी की तरह बहता है, न पानी में बहता है. पैसे की पाई-पाई पानी पर लगाई जाती है. हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था. इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश. नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं."


10). इसके साथ ही उन्होंने बताया कि "आप सोचिए आजादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था. देश में पानी से जुड़ी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया, पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ ये मंत्रालय आज हर घर पानी पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है. आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है. सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है."


11). PM ने कहा, "उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक रूपये में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है. उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. कोरोना काल के बीच भी उत्तराखंड में बीते 4-5 महीने में करीब 50 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं. जल जीवन मिशन ने गांव के लोगों को एक अवसर दिया है. अवसर- अपने गांव को पानी की समस्याओं से मुक्त करने का, अवसर- अपने गांव को पानी से भरपूर करने का.."


कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने गंगा को समर्पित एक म्यूजियम का भी लोकार्पण किया. ये म्यूजियम गंगा से जुड़ी संस्कृति, जैव विविधता और कायाकल्प गतिविधियों को प्रदर्शित करेगा. यह म्यूजियम हरिद्वार के गंगा किनारे चांदनी घाट पर स्थित है. केंद्र की मोदी सरकार ने गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए नमामि गंगे योजना शुरू की थी. केंद्र सरकार ने इसके लिए काफी बड़ी बजट आवंटित किया है.


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