Priyanka Gandhi: दादी जैसा चेहरा, मां जैसी नफासत और कंधे पर भाई की जिम्मेदारी... संसद में प्रियंका गांधी की एंट्री!
Priyanka Gandhi Oath: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की संसद में एंट्री हो गई है. उन्होंने लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है. प्रियंका गांधी पर कांग्रेस पार्टी और भाई राहुल गांधी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आ गई है.
नई दिल्ली: Priyanka Gandhi Oath: प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद में लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है. यह उनकी एक्टिव पॉलिटिक्स की शुरुआत मानी जा रही है. 52 साल की प्रियंका गांधी पहली बार लोकसभा सदस्य बनी हैं. वे केरल के वायनाड से लोकसभा का उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची हैं. अब राहुल गांधी को सियासत में दूर तक ले जाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी पर मानी जा रही है.
दादी इंदिरा जैसा चेहरा और राजनीतिक सूझबूझ
प्रियंका गांधी का चेहरा अपनी दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी में मिलता है. प्रियंका गांधी अपने बालों का स्टाइल भी इंदिरा जैसा ही रखती हैं. चेहरे के अलावा, प्रियंका की राजनीतिक सूझबूझ भी दादी जैसी ही है. प्रियंका कांग्रेस की क्राइसिस मैनेजर मानी जाती हैं. जब-जब कांग्रेस पर संकट के बादल छाए हैं, तब-तब प्रियंका ने अपनी जादुई छड़ी से उन्हें दूर किया है. फिर चाहे राजस्थान बागी सचिन पायलट को मानना हो या हिमाचल में विक्रमादित्य सिंह को मैनेज करना हो.
मां सोनिया जैसी नफासत
इंदिरा गांधी को आयरन लेडी कहा जाता था. वे न सिर्फ अपने कड़े फैसलों बल्कि कड़क मिजाज के लिए भी जानी जाती रही हैं. दूसरी ओर, इंदिरा की बहु और प्रियंका की मां सोनिया गांधी देश के सौम्य नेताओं में से एक हैं. ऐसे विरले ही लोग होंगे, जिन्होंने सोनिया गांधी की ऊंची आवाज सुनी होगी. ठीक ऐसे ही संस्कार सोनिया ने अपने बच्चों में दिए हैं. प्रियंका गांधी में दादी का अंदाज है, लेकिन व्यवहार में मां से सीखी हुई कोमलता भी है.
कंधों पर भाई राहुल की जिम्मेदारी
प्रियंका गांधी से कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद राहल गांधी संसद में अकेले पड़ गए. ज्योतिरादित्य से उनकी अच्छी दोस्ती थी, दोनों एक दूसरे के साथ बैठते थे. अब राहुल को बहन प्रियंका का साथ मिल पाएगा. मां सोनिया गांधी वैसे भी रिटायरमेंट की ओर बढ़ रही हैं, ऐसे में राहुल गांधी को सियासत में आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर आ गई है. कांग्रेस पार्टी अपने मुश्किल दौर से गुजर रही है, इसलिए राहुल गांधी को फिलहाल विश्वासपात्रों की जरूरत है.
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