`पैगंबर मोहम्मद को लेकर हुए बवाल की NIA जांच हो`, बजरंग दल ने कर दी ये मांग
विहिप ने कहा कि उन्होंने मांग की कि भारत के खिलाफ लोगों के दिमाग में जहर घोलने वाले भड़काऊ भाषण देने वालों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर हिंसा की हालिया घटनाओं के खिलाफ बजरंग दल ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से इसकी जांच की मांग की. आरएसएस से संबद्ध संगठन ने एक बयान में कहा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जिलों के प्रशासनिक प्रमुखों के माध्यम से सौंपे गए एक ज्ञापन में इस जांच की मांग की.
मिसाल देने लायक हो कार्रवाई
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की कि तीन जून और 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा करने वालों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत "मिसाल देने योग्य कार्रवाई" की जाए. बयान में कहा गया है कि उन्होंने मांग की कि भीड़ को भड़काने और हिंसा भड़काने वालों की भी पहचान की जानी चाहिए और उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए और उन इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं.
राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
विहिप ने कहा, ‘‘बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने देश भर में धरना दिया और कई मांगों को लेकर जिला मुख्यालय के संबंधित प्रशासनिक प्रमुखों के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा.’’ बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति को लिखे अपने ज्ञापन में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मांग की कि मस्जिदों और मदरसों से 'द्वेषपूर्ण’ मानसिकता के साथ सड़कों पर उतरी भीड़ की मंशा की जांच एनआईए द्वारा की जाए.’’
सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए
विहिप ने कहा कि उन्होंने मांग की कि भारत के खिलाफ लोगों के दिमाग में जहर घोलने वाले भड़काऊ भाषण देने वालों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. उसने कहा कि बजरंग दल के प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और तबलीगी जमात जैसे संगठनों पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए.
विरोध प्रदर्शन किया
जम्मू कश्मीर में, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने देश के कुछ हिस्सों में 3 जून और 10 जून की हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और सुंदरबनी में जम्मू-राजौरी राष्ट्रीय राजमार्ग को लगभग दो घंटे तक अवरुद्ध कर दिया. सुंदरबनी में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘‘2022 का भारत अलग है और ऐतिहासिक गलतियों को संविधान और देश के कानून के अनुसार ठीक किया जाएगा.’’
पूजा स्थलों को वापस लेंगे
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले शुक्रवार की हिंसा के पीछे उन लोगों का पता जानने के लिए बुलडोजर भेजे गए थे और उनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया था और उनसे हुए नुकसान के लिए उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. भारत सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी मजबूत है.’’ उन्होंने दावा किया कि विहिप और बजरंग दल हिंदुओं की सुरक्षा के लिए केवल ‘‘आत्मरक्षा’’ में कार्य करते हैं. विहिप नेता ने कहा कि हिंदू कानूनी तरीके से काशी (वाराणसी) और मथुरा दोनों जगहों पर स्थित अपने पूजा स्थलों को वापस लेंगे.
'शिवजी आतुर हैं'
उन्होंने कहा, ‘‘राम का जन्म स्थान वापस आ गया और इसलिए काशी और मथुरा दोनों पवित्र स्थल भी वापस आएंगे क्योंकि शिवजी आतुर हैं. कुछ लोगों जैसे (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन) ओवैसी को दिक्कत है, अन्यथा मुस्लिम समुदाय को केवल अपनी रोजी रोटी की चिंता है और वे दंगों में विश्वास नहीं करते हैं.’’
दिल्ली में, विहिप और उसकी युवा शाखा बजरंग दल ने हाल ही में भाजपा के दो पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर देश के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया. विहिप ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 10 उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किये गए.
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