नई दिल्ली: इंडियन नेवी का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर तैयार हो चुका है. भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर का ट्रायल हुआ. गहरे समंदर में INS विक्रांत का ट्रायल बुधवार से शुरू हुआ. 2022 तक समंदर में INS विक्रांत की तैनाती संभव है. इसका नाम पुराने INS विक्रांत के नाम पर ही रखा गया है. 1971 की जीत में INS विक्रांत ने अहम भूमिका निभाई थी.


स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत है विक्रांत


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1971 के बांग्लदेश युद्ध का गौरव रह चुके आईएनएस विक्रांत के नाम पर ही बने इस एयरक्राफ्ट कैरियर का पहला समुद्री परीक्षण आज किया गया है. देश में बनाया गया ये सबसे बड़ा और आधुनिक युद्धपोत है जो अब समंदर में तैनाती से पहले ट्रायल के फेज से गुजर रहा है.


VIDEO देखिए..



उपर दिए वीडियो में हिंद का हौसला देख सकते हैं. ये समंदर के शहंशाह हैं, जो दुश्मन के लिए बारूद और देशवासियों के रक्षक हैं. इनकी मौजूदगी से दुश्मनों की रूह कांपती है. आजाद हिंदुस्तान की समुद्री सरहदों पर इनकी जब गरज सुनाई पड़ती है, हर दुश्मन दहल जाता है. 


1971 की जंग में दिखा था जिसका जलवा


हिंदुस्तान की नौसेना की ताकत में अब देश का गौरव आईएनएस विक्रांत शामिल होने वाला है. ये वही नाम है, जिसने 1971 की जंग में कमाल दिखाया था. जिसने बंगाल की खाड़ी से पाकिस्तानियों पर कहर बरपाया था. जिसकी मौजूदगी ने पूर्वी पाकिस्तान की जंगी शिकस्त की कहानी लिखी थी. वही विक्रांत एक बार फिर आ रहा है.


दुश्मनों सावधान! आ गया है विक्रांत


भारत के समंदर में धीरे धीरे आगे बढ़ता ये स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत है. इंडियन नेवी की वो ताकत समंदर की जिसकी मौजूदगी से ही सेना का मनोबल आसमान छूने लगता है. 40 हजार टन का ये एयरक्राफ्ट कैरियर इंडिया ने खुद बनाया है.



बेसिन ट्रायल में कामयाब रहने के बाद आईएनएस विक्रांत को अब डीप सी यानी गहरे समंदर में ट्रायल के लिए उतार दिया गया है. अगले तीन से छह महीने के बीच आईएनएस विक्रांत के ये सारे ट्रायल पूरे हो जाएंगे और फिर इसकी समंदर में तैनाती कर दी जाएगी.


आईएनएस विक्रांत की तैनाती के बाद इंडियन नेवी के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो जाएंगे. अभी भारत के पास  एक मात्र एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य है जो भारत के विशाल समुद्री सरहद की सुरक्षा और दुश्मनों की चुनौतियों को देखते हुए काफी नहीं है.


पीएम मोदी ने नौसेना को दी बधाई


पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि 'भारतीय नौसेना की डिजाइन टीम द्वारा डिजाइन और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वदेशी विमान वाहक 'विक्रांत' ने आज अपनी पहली समुद्री उड़ान भरी. मेक इन इंडिया का एक अद्भुत उदाहरण इस ऐतिहासिक मील के पत्थर पर भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को बधाई.'



INS विक्रांत का नया स्वदेशी अवतार


रूस से खरीदा गया विक्रमादित्य अरब सागर की ओर तैनात किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए पूर्वी कमान में भी एक एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत है. इसी लिहाज से आईएनएस विक्रांत का इंडियन नेवी में शामिल होना बेहद जरूरी है.


पूरी तरह देश में बनाये गए इस एयरक्राफ्ट कैरियर की खासियतोंकी बात करें तो आईएनएस विक्रांत में करीब 1.5 एकड क्षेत्रफल का डेक है, जिसमें 40 विमान हर समय उड़ान भरने के लिए तैयार रहेंगे. यह 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. मिग-29 जैसे 26 अत्याधुनिक विमान एक साथ इस पर खड़े हो सकते हैं, जबकि 10 हेलीकॉप्टर या छोटे विमानों को भी साथ में इसमें रखा जा सकता है. इसमें 200 नौसेना अधिकारी एवं डेढ़ हजार सैनिक भी तैनात किए जाने वाले हैं.


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