Paper Leak Bill: किन-किन राज्यों में हैं पेपर लीक से जुड़े नियम-कानून, जानें क्या है सजा का प्रावधान?
देश में पेपर लीक के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेपर लीक बिल पेश किया है. इस बिल के मुताबिक अगर कोई शख्स पेपर लीक मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसे 10 साल की सजा के साथ 1 करोड़ का जुर्माना देना होगा.
नई दिल्लीः देश में पेपर लीक के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेपर लीक बिल पेश किया है. इस बिल के मुताबिक अगर कोई शख्स पेपर लीक मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसे 10 साल की सजा के साथ 1 करोड़ का जुर्माना देना होगा. वहीं, अगर कोई शख्स किसी दूसरे व्यक्ति के बदले परीक्षा देते पकड़ा जाता है, तो उसे 3 से 5 साल से जेल के साथ 10 लाख का जुर्माना देना होगा.
कई राज्यों में लागू पेपर लीक से जुड़े नियम
बहरहाल, ये रही सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 की बात, लेकिन क्या आपको पता है कि कई राज्यों ने पेपर लीक के मामले पर लगाम लगाने के लिए अधिनियम बना रखे हैं. बीते कई सालों से देश के अलग-अलग राज्यों से पेपर लीक के कई मामले सामने आए हैं. इसे देखते हुए कई राज्यों ने नियम भी बना लिया है. मगर राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक इस तरह के नियम नहीं थे. आइए जानते हैं उन राज्यों के बारे में जहां पेपर लीक संबंधित नियम हैं.
UP सरकार ने 2023 में पारित किया था अध्यादेश
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में पेपर लीक से तंग आकर साल 2023 में इससे जुड़ा एक अध्यादेश पारित किया. इस अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई प्रिंटिंग प्रेस, कोचिंग इंस्टीट्यूट या मैनेजमेंट सिस्टम नकल कराने पर दोषी पाया जाता है, तो उसे उम्र कैद की सजा हो सकती है. साथ उसे 10 करोड़ रुपए जुर्माना भी भरना पड़ेगा. वहीं, अगर कोई छात्र अगर नकल करते या कराते पकड़ा गया तो उसे 3 साल कारावास और 5 लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है.
हरियाणा में है 7 सालों की सजा
हरियाणा में भी पेपर लीक से संबंधित कानून बन चुके हैं. यहां पर अगर कोई शख्स पेपर लीक के मामले दोषी पाया जाता है, तो उसे 7 साल की जेल के साथ नकल कराने के बदले मिले पैसे से बनाई गई संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान है. वहीं, आंध्र प्रदेश में नकल कराने के दोषियों को 3 से 7 साल की जेल से साथ जुर्माने का प्रावधान है. राजस्थान में पेपर लीक के मामले में 3 साल की जेल के साथ जुर्माने का प्रावधान है.
झारखंड में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान
पेपर लीक रोकने के लिए झारखंड में बने नए कानून को झारखंड प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम 2023 कहा जाता है. इस कानून के तहत अगर कोई भी प्रतियोगी पेपर लीक मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
जम्मू कश्मीर में है 2 साल की सजा
जम्मू कश्मीर में इस तरह के कुकृत्य के लिए 2 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में पेपर लीक कराने के मामले में एक साल की सजा का प्रावधान है. गुजरात में भी इस तरह की चीजों पर रोक लगाने के लिए 2023 में गुजरात सरकारी परीक्षा विधेयक पारित किया गया. इसके मुताबिक दोषियों को 10 साल की जेल के साथ 1 करोड़ के जुर्माने का प्रावधान है.
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