नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई है. आपराधिक मानहानी मामले में सूरत की अदालत की ओर से 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद ये कार्रवाई की गई है. जानें अब राहुल गांधी के पास क्या कानूनी विकल्प हैं. 


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नियमित जमानत
राहुल गांधी को सबसे पहले नियमित जमानत के लिए अदालत में अपील करनी होगी. 30 दिन के भीतर जमानत नहीं मिलती तो उन्हें सरेंडर करना होगा. राहुल को पहले सेशन कोर्ट और वहां से जमानत न मिलने पर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा. राहुल गांधी अब इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.

कैसे फिर लड़ सकते हैं चुनाव


अगर अदालत राहुल गांधी के दोषी करार दिए जाने को सस्पेंड कर दे तो वह फिर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं होंगे. अगर अदालत केवल सजा को सस्पेंड करती है तो ये काफी नहीं होगा. निलंबन या कन्विक्शन पर स्टे होना चाहिए.


क्या कहता है कानून
जनप्रतिनिधित्व कानून में अयोग्यता से बचने का तरीका बताया गया था.या तो निलंबन सस्पेंड कर दी जाए या फिर दोषी करार दिए जाने वाले कोर्ट के फैसले को ही निलंबित कर दिया जाए.


सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने10 जुलाई 2013 को फैसला दिया था कि 2 साल की सजा होने पर सांसदी और विधायकी चली जाएगी. इसके बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. यानी कुल 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है.

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