नई दिल्ली: मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है और उनका नाम इस तरह की कार्रवाई का सामना कर चुके जनप्रतिनिधियों की सूची में शामिल हो गया है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह दोषी करार दिये जाने की तारीख से सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाएगा और सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह और साल के लिए अयोग्य रहेगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस लिस्ट में कई जनप्रतिनिधि शामिल हैं, जिन्हें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराये जाने एवं सजा सुनाये जाने के बाद संसद और विधानसभाओं की सदस्यता छोड़नी पड़ी. आपको उन सभी नेताओं से रूबरू करवाते हैं.


1). चारा घोटाले के बाद गई थी लालू यादव की संसद सदस्यता
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सितंबर 2013 में चारा घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था. उस समय वह बिहार के सारण से सांसद थे.


2). जब रद्द हो गई जे. जयललिता की सदस्यता
अन्नाद्रमुक की तत्कालीन प्रमुख जे. जयललिता को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में चार साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.


3). MBBS सीट घोटाले में रशीद मसूद की रद्द हुई थी संसद सदस्यता
पांच दशकों के सियासी सफर में वीपी सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव के हमसफर रहे 9 बार के सांसद रशीद मसूद 2012 यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस में आ गए थे. बतौर स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में उन पर गड़बड़ी का आरोप लगा था. एमबीबीएस ऐडमिशन धांधली के मामले में सजा होने पर जेल गए और राज्यसभा की सदस्यता भी खोनी पड़ी थी.


4). उम्रकैद होने पर जब अशोक चंदेल की विधानसभा सदस्यता गई
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में बीजेपी के तीन विधायकों की अपनी सदस्यता खोनी पड़ी है. साल 2019 में हमीरपुर से बीजेपी के विधायक रहे अशोक कुमार सिंह चंदेल की विधानसभा सदस्यता गई थी. चंदेल को हाई कोर्ट ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी.


5). जब पीपी मोहम्मद फैजल का लोकसभा सदस्यता रद्द हुई
लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को जनवरी 2023 में हत्या के प्रयास के एक मामले में 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी, जिसके बाद वह स्वत: ही संसद सदस्यता से अयोग्य हो गये. हालांकि, केरल उच्च न्यायालय ने बाद में फैजल की दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया. सांसद के अनुसार लोकसभा सचिवालय ने अब तक उनकी अयोग्यता को वापस लेने के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की है.


6). आजम खान को भी दिया गया था अयोग्य करार
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान को 2019 के नफरत भरे भाषण के एक मामले में एक अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था. वह रामपुर सदर विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.


7). आरजेडी विधायक अनिल कुमार सहनी का मामला
राजद विधायक अनिल कुमार सहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद अक्टूबर 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था.


8). मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में भाजपा विधायक को लगा था झटका
भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अक्टूबर 2022 के प्रभाव से अयोग्य करार दिया गया था. उन्हें 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी. सैनी खतौली सीट से विधायक थे.


9). प्रदीप चौधरी को 2021 में लगा था तगड़ा झटका
कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को जनवरी 2021 में हरियाणा विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था. उन्हें हमले के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गयी थी. वह कालका से विधायक थे.


10). कुलदीप सिंह सेंगर को घोषित किया गया अयोग्य
बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद कुलदीप सिंह सेंगर को फरवरी 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.


11). अब्दुल्ला आजम खां को 15 साल पुराने मामले में लगा था झटका
सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खां को फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था. कुछ दिन पहले ही एक अदालत ने 15 साल पुराने एक मामले में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. आजम खां के बेटे अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा से सदस्य थे.


12). अनंत सिंह को 2022 में अयोग्य करार दिया गया था
राजद विधायक अनंत सिंह को जुलाई 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. उन्हें उनके आवास से हथियार और गोला-बारूद जब्त होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था. सिंह पटना जिले की मोकामा सीट से विधायक थे.


13). पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में एचजी मुदगल की संसद सदस्यता गई
25 सितंबर 1951 की बात है. कांग्रेस सांसद एचजी मुदगल पर गंभीर आरोप लगा था. उन्हें संसद में सवाल पूछने के एवज में पैसा लेने के कारण लोकसभा से हटाया गया. उन्हें अयोग्य करार करके सदस्यता ले ली गई. तब तक देश में पहला आमचुनाव नहीं हुआ था.


14). 1975 में इंदिरा गांधी की सदस्यता चली गई थी
देश की पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी को भी इसी तरह का एक झटका लगा था. वर्ष 1975 विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी पाई जाने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी.


वर्ष 1951 के बाद से लोकसभा और राज्यसभा से 16 सांसदों की सदस्यता जा चुकी है. बता दें, वर्ष 2005 में पैसे लेकर सवाल पूछने का मामला सामने आया था. जिसमें 11 सांसदों की सदस्यता गई थी. आपको इस रिपोर्ट में उन 25 नेताओं के बारे में बताया, जिन्हें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराये जाने एवं सजा सुनाये जाने के बाद संसद और विधानसभाओं की सदस्यता छोड़नी पड़ी.


इसे भी पढ़ें- हर कीमत चुकाने को तैयार हैं राहुल गांधी, सदस्यता जाने के बाद आई पहली प्रतिक्रिया


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.