नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव का परिणाम 4 जून को आया था. कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार बेहतर प्रदर्शन किया था. इसके बाद ईवीएम को कटघरे में नहीं खड़ा किया गया था, जैसे पिछले कई चुनाव के बाद होता था लेकिन अब अचानक से राहुल गांधी ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए हैं.


एलन मस्क ने उठाया था सवाल 


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दरअसल टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक पोस्ट में कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर दिया जाना चाहिए क्योंकि मानव या एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम अभी भी बहुत अधिक है. एलन मस्क ने प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिसमें कथित तौर पर मतदान में अनियमितताएं सामने आई थीं.


राहुल गांधी ने किया रिपोस्ट


वहीं मस्क के इस पोस्ट को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिपोस्ट किया. साथ ही उन्होंने एक अखबार की कटिंग भी शेयर की. उन्होंने लिखा, "भारत में ईवीएम एक 'ब्लैक बॉक्स' है और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं. जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी हो जाती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है."


 



राहुल ने रिपोर्ट का दिया हवाला


राहुल गांधी ने साथ में जो रिपोर्ट शेयर की है, उसमें मुंबई पुलिस ने ईवीएस को लेकर शिवसेना के सांसद रविंद्र वाइकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि मंगेश ने मुंबई के गोरेगांव चुनाव सेंटर में पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था. वहीं पुलिस ने मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी केस दर्ज किया है.


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मस्क को दिया जवाब


वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद करने को लेकर मस्क के विचारों को लेकर कहा कि उनको भारत आकर कुछ सीख लेनी चाहिए. राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'यह एक बहुत बड़ा आम बयान है, जिसका मतलब है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता. यह गलत है.'


भारतीय ईवीएम कस्टम डिजाइन किए गए हैं


चंद्रशेखर के अनुसार, एलन मस्क के सोचने-समझने का तरीका अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां पर वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए रेगुलर कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. मस्क के बयान को खारिज करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय ईवीएम कस्टम-डिजाइन किए गए हैं, सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं. कोई कनेक्टिविटी नहीं है, कोई ब्लूटूथ, वाई-फाई, इंटरनेट नहीं है इसलिए कोई रास्ता नहीं है. फैक्ट्री-प्रोग्राम्ड कंट्रोलर जिन्हें दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है.


चंद्रशेखर ने कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह से डिजाइन और बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। एलन, हमें एक ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी.'


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