राहुल गांधी को खाली करना होगा सरकारी बंगला, 22 अप्रैल तक की मिली मोहलत
संसद के सूत्रों ने बताया है कि राहुल गांधी को बंगला खाली करने संबंधी नोटिस लोकसभा की आवास संबंधी समिति की ओर से जारी किया गया है. लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिये गये कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक आधिकारिक बंगला खाली करने को कहा गया.
नई दिल्ली: लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है. अधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राहुल गांधी को पिछले सप्ताह लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर लोकसभा की आवास संबंधी समिति ने कांग्रेस नेता को 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिये नोटिस भेजा है.
राहुल गांधी को खाली करना होगा बंगला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया था. सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अयोग्य ठहराये गए सदस्य को उनकी सदस्यता खोने के एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना होता है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी इस अवधि को बढ़ाने के लिए आवास संबंधी समिति से आग्रह कर सकते हैं. राहुल को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति को एनडीएमसी के संपदा महानिदेशालय सहित विभिन्न विभागों को भेजा गया था.
क्यों रद्द हुई राहुल गांधी की सदस्यता?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अब लोकसभा के सदस्य नहीं हैं. लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को उन्हें अयोग्य करार दे दिया. राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने की वजह से लोकसभा सचिवालय ने यह फैसला लिया है और अब उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई है.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जैसे ही किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वह संसद की सदस्यता ले लिए अयोग्य हो जाता है. इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर विशेष रूप से चुनाव की घोषणा करता है.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला?
इससे पहले 10 जुलाई, 2013 के अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले में ये फैसला सुनाया था कि कोई भी संसद सदस्य (सांसद), विधानसभा सदस्य (विधायक) या एक विधान परिषद (एमएलसी) का सदस्य जो एक अपराध का दोषी है और न्यूनतम दो साल की कारावास की सजा दी गई है, वो तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है.
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी मामले को लेकर बीजेपी विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था और गुरुवार को इस मामले में सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी करार दिया.
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