नई दिल्ली. हाल में ओडिशा के बालासोर में हुई बड़ी ट्रेन दुर्घटना ने पूरे देश को शोक में डाल दिया था. आजादी के बाद अब की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटनाओं में गिनी जा रही इस त्रासदी में 278 लोगों ने जान गंवाई है. अब एक डेटा एनालिसिस में खुलासा हुआ है कि बीते पांच साल में करीब 55 फीसदी ट्रेन हादसे रेलवे स्टाफ की चूक के कारण होते रहे हैं. 


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रेल मंत्रालय और कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी के डेटा से हुई एनालिसिस
एक मीडिया रिपोर्ट में की गई डेटा एनालिसिस के मुताबिक 2021-22 में 43 प्रतिशत ट्रेन हादसे रेलवे स्टाफ से काम के दौरान हुई गलतियों के कारण हुए. जिस डेटा के आधार पर यह एनालिसिस की गई है वह कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी और रेल मंत्रालय का है. 


सबसे ज्यादा संख्या 2019 में
2017-18 से लेकर 2021-22 के बीच ट्रेन हादसों में स्टाफ की गलतियों का आंकड़ा 43 से 65 फीसदी तक है. सबसे ज्यादा प्रतिशत साल 2019 में रहा था. वहीं मानवीय चूक के कारण हुई रेल दुर्घटनाओं का प्रतिशत 55 से लेकर 89 प्रतिशत तक है.


ट्रेन एक्सीडेंट के मुख्य कारणों पर निष्कर्ष
एक अन्य एनालिसिस में ट्रेन एक्सीडेंट के मुख्य कारणों के बारे में भी निष्कर्ष निकालने की कोशिश की गई है. एनालिसिस के मुताबिक 2017-18 से लेकर 2022-23 तक कुल 292 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 220 हादसे ट्रेनों के पटरियों से उतर जाने के कारण हुए. यह कुल आंकड़े का 75 फीसदी है. इसके बाद आग लगना भी एक बड़ी वजह है. इसकी वजह से 28 हादसे हुए.


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