नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के मुद्दे के बारे में फैसला 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ही कर लिया जाना चाहिए था. सिंह ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बडोली में शहीदों के परिवारों के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. 


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मानवता के लिए लड़ा गया था 1971 का युद्ध


सिंह ने कहा, "हमने हाल ही में 1971 के युद्ध में जीत की स्वर्ण जयंती मनाई. 1971 के उस युद्ध को इतिहास में याद रखा जाएगा, क्योंकि वह युद्ध संपत्ति, कब्जे या सत्ता के बदले मानवता के लिए लड़ा गया था." उन्होंने कहा, ‘एक ही अफसोस है. पीओके पर फैसला उसी समय हो जाना चाहिए था.’


सिंह ने हमीरपुर जिले के नादौन में भी ऐसे ही एक कार्यक्रम में भाग लिया. रक्षा मंत्री ने कांगड़ा में, देश को 'आत्मनिर्भर' बनाने के केंद्र के दृढ़ संकल्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिए को साकार करने के लिए किए गए उपायों के कारण हुई प्रगति को रेखांकित किया. 


भारत के रक्षा निर्यात में हुई बढ़ोतरी
सिंह ने कहा, 'पहले, भारत को एक रक्षा आयातक के रूप में जाना जाता था. आज, यह दुनिया के प्रमुख 25 रक्षा निर्यातकों में से एक है. आठ साल पहले रक्षा निर्यात लगभग 900 करोड़ रुपये था जो अब 13,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है. हमें उम्मीद है कि 2025 तक रक्षा निर्यात 35,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा और 2047 के लिए निर्धारित 2.7 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.' 


सिंह ने कहा कि भारत ने कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया है और न ही उसने एक इंच विदेशी भूमि पर कब्जा किया है. उन्होंने देश को आश्वासन दिया कि अगर भारत में सद्भाव को बिगाड़ने का कोई प्रयास किया जाता है, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. 


शांतिप्रिय देश है भारतः राजनाथ सिंह
उन्होंने कहा, 'भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन इसे कायर या युद्ध से डरने वाला समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. ऐसे समय जब हम कोविड-19 से निपट रहे थे, हमें चीन के साथ उत्तरी सीमा पर तनाव का सामना करना पड़ा. गलवान की घटना के दौरान हमारे सैनिकों के साहस ने साबित कर दिया कि कितनी भी बड़ी ताकत क्यों न हो, भारत कभी नहीं झुकेगा.' 


रक्षा मंत्री ने कहा कि 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' के पद का गठन और सैन्य मामलों के विभाग की स्थापना राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए कुछ प्रमुख कदम हैं. 


'लड़कियों के लिए खोल दिए NDA के दरवाजे'
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के दरवाजे लड़कियों के लिए खोल दिए गए हैं, वहीं सशस्त्र बलों में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जा रहा है. हमने युद्धपोतों पर महिलाओं की तैनाती के लिए भी मंजूरी दी है.' सिंह ने जोर दिया कि सरकार एक 'नए भारत' का निर्माण कर रही है, जो हमारे सभी शांतिप्रिय मित्र देशों को सुरक्षा और विश्वास की भावना देगा तथा बुरे इरादे वालों को धूल चटाएगा.


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