UP की सियासत में रामदास अठावले की एंट्री, `10 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव`
यूपी की राजनीति में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की एंट्री भी हो चुकी है. रामदास अठावले ने लखनऊ में शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद से उनके घर जाकर मुलाकात की. अठावले इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले. दोनों से मुलाकात में अठावले ने दो कार्ड चले. ये दोनों कार्ड कौन से हैं और क्या इसका नुकसान बीएसपी और समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ेगा.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले लखनऊ पहुंचे. यूपी चुनाव से ठीक पहले ये दौरा वाकई अहम है, क्योंकि अठावले ने जो दांव चली है उससे सपा-बसपा को नुकसान हो सकता है.
रामदास अठावले का 'मुस्लिम दांव'!
रामदास अठावले लखनऊ में शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद के घर गए. यहां उन्होंने कल्बे जव्वाद से खास मुलाकात की और मुसलमानों के हितों से जुड़े मुद्दों पर दोनों में चर्चा हुई. अठावले की यूपी सियासत को समझना होगा.
मुलाकात बहाना, मुस्लिम वोट निशाना?
कल्बे जव्वाद ने रामदास अठावले से कहा कि कश्मीर में 25 फीसदी शिया मुस्लिम हैं. लेकिन उनके साथ अच्छा सलूक नहीं हो रहा, उन्हें तवज्जो मिले. अठावले ने जवाब में कहा कि 'हमें मिलकर हिंदू-मुसलमान को जोड़ने का काम करना है. प्रधानमंत्री मोदी तक आपकी मांगों को पहुंचाएंगे.'
फिर कल्बे जव्वाद ने अठावले से कहा, 'शियाओं के लिए शिया वक्फ बोर्ड का गठन हो, उसमें अच्छे लोग हों.' जवाब में अठावले ने उनसे कहा, 'यूपी में मुसलमानों को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे. सीएम योगी तक बात पहुंचाएंगे.'
कल्बे जव्वाद से मीटिंग के बाद अठावले 5 कालीदास मार्ग पहुंचे. यहां उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. मतलब साफ है कि ये मुलाकात इक बहाना है, दलित वोट निशाना है?
रामदास अठावले का 'दलित कार्ड'
रामदास अठावले ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी मुलाक़ात का मकसद बताया. उन्होंने ट्वीट करके जानकारी दी और लिखा कि 'उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ एनडीए गठबंधन में आरपीआई को 10 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की मांग पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है.'
यानी एक तरफ मुस्लिम हित की बात करना और दूसरी तरफ अपनी पार्टी के लिए NDA में 10 चुनावी सीटें सुरक्षित करना बताता है कि यूपी के चुनाव में इस बार अठावले अपना दम दिखाना चाहते हैं. महाराष्ट्र में सिमटी आरपीआई 2022 में यूपी में मुस्लिम और दलित कार्ड से दांव आजमाना चाहती है.
आठवले के दांव से एसपी, बीएसपी परेशान?
यदि अठावले अपनी इन कोशिशों में सफल होते हैं तो इसका सीधा नुकसान दलित वोट बैंक की सियासत करने वाली बहुजन समाज पार्टी और मुस्लिम वोट बैंक की सियासत करने वाली समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ सकता है. हालांकि अठावले अपने इस सियासी लक्ष्य में कितना कामयाब हो पाएंगे, ये आने वाला समय ही बताएगा.
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