नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से देश के मध्यम वर्ग की जिंदगी बहुत प्रभावित हुई है. इस संकट से लोगों को निकालने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज अनेक घोषणायें की हैं. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रेडिट पाॉलिसी पेश करते हुए इसके बारे में विस्तार से बताया.


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महंगाई दूर करने के लिए वित्तीय स्थिरता पर फोकस



रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कोरोना काल में अधिकतर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अधिकतर अर्थव्यवस्था में कोरोनावायरस महामारी के बाद महंगाई बढ़ने की घटनाएं देखी गई है. मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने वित्‍तीय स्थिरता पर ज्‍यादा फोकस किया है, साथ ही जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाने के उपायों पर भी जोर दिया है.


रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार


आपको बता दें कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी और कैश रिजर्व रेश्यो को 3 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, वहीं बैंक रेट 4.25 फीसदी है. शक्तिकांत दास ने कहा कि सप्लाई चेन बाधित है, सभी सेगमेंट में महंगाई स्पष्ट दिख रही है.



RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 की मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्रीय बैंक की तरफ से कर्जदाताओं (बैंक/NBFCs) को इस बात की अनुमति है कि वे कॉरपोरेट और व्‍यक्तिगत कर्ज लेने वालों के लोन्‍स रीस्‍ट्रक्‍चर करें.


विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी जारी


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कमजोर है, लेकिन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को देखते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहने की आशंका है.