क्या सचिन तेंदुलकर और उज्जवल निकम से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं आदित्य ठाकरे?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और कई आतंकियों को मौत की सजा दिलाने वाले उज्जवल निकम की सुरक्षा व्यवस्था कम कर दी है. लेकिन अपने बेटे आदित्य ठाकरे की सुरक्षा बढ़ा दी है. महाराष्ट्र में 29 वीआईपी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है.
मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार एक्शन में है. रोज नए नए फैसले हो रहे हैं. भले ही उनका औचित्य हो या नहीं. ताजा कवायद में 29 वीआईपी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है.
इन लोगों की सुरक्षा में कटौती
भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा में कटौती की गई है. पहले तेंदुलकर को X श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी. लेकिन अब उनकी सुरक्षा को कम कर दिया गया है.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम नाईक की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है. राम नाईक को पहले Z+ श्रेणी सुरक्षा हासिल थी. लेकिन अब इसे घटाकर X श्रेणी का कर दिया गया है.
कसाब जैसे कई खूंखार आतंकियों को मौत की सजा दिलाने वाले वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता उज्ज्वल निकम की सुरक्षा भी घटा दी गई है. उनकी सुरक्षा को Z+ से Y कर दिया गया है.
इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे की Y सिक्योरिटी से एस्कॉर्ट को हटा दिया गया है.
इन नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी
राज्य सरकार ने कई वीआईपी लोगों की सुरक्षा बढ़ाई भी है. मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे को पहले Y+ सुरक्षा मिली हुई थी. लेकिन अब आदित्य ठाकरे की सुरक्षा को बढ़ाकर Z कर दिया गया है.
मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. उन्हें पहले Y+ सुरक्षा मिलती थी. जिसको बढ़ाकर Z कर दिया गया है.
उद्धव सरकार के फैसले में दिखी राजनीति
हालांकि कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में वीआईपी सिक्योरिटी की समीक्षा के लिए एक समिति बनाई गई थी. जिसकी सिफारिशों के आधार पर सुरक्षा कम करने या बढ़ाने का फैसला लिया गया.
लेकिन आतंकियों को सजा दिलाने वाले उज्जवल निकम और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा में कटौती करके आदित्य ठाकरे जैसे नए नवेले नेता की सुरक्षा बढ़ाना साफ तौर पर उद्धव ठाकरे के फैसले में अंतर्निहित राजनीति की ओर संकेत कर रहा है.