NCP-शिवसेना के बीच बढ़ी दरार? राज्यसभा के दूसरे उम्मीदवार की हार के बाद बोली बीजेपी
भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि शिवसेना में लोग ठाकरे को ठीक से सलाह नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में कई शिवसैनिकों ने शिवसेना छोड़ दी है. पाटिल ने आश्चर्य जताया कि राज्यसभा चुनाव में प्रफुल्ल पटेल (राकांपा) के पहले अधिमान्य मतों का कोटा 42 से बढ़ाकर 43 क्यों किया गया.
मुंबई: अहमदनगर से भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में हुए राज्यसभा चुनाव में सत्ताधारी शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार की हार के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जिम्मेदार है. शुक्रवार को कुल छह सीट के लिए हुए कड़े मुकाबले में शिवसेना के संजय पवार भाजपा के धनंजय महादिक से हार गए.
बीजेपी ने हासिल की तीन सीटें
महा विकास अघाड़ी गठबंधन के अन्य सहयोगियों राकांपा और कांग्रेस ने एक-एक सीट जीती. भाजपा ने तीन सीट पर चुनाव लड़ा था और सभी पर जीत हासिल की. विखे पाटिल ने अहमदनगर में पत्रकारों से कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के पश्चात राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के बाद से शिवसेना को राजनीतिक नुकसान हो रहा है.
उन्होंने दावा किया कि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना को राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले ढाई साल में सबसे बड़ा नुकसान हुआ है.’’ पाटिल ने कहा कि राकांपा के कारण शिवसेना का दूसरा उम्मीदवार हार गया और उनकी हार के लिए निर्दलीय जिम्मेदार नहीं हैं.
क्या पहले से तय था?
उन्होंने पवार के उस बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह राज्यसभा के चुनाव परिणाम से चकित नहीं हुए. पाटिल ने कहा, ‘‘यह साबित करता है कि वह (पवार) शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार की हार की उम्मीद कर रहे थे.’’ भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे को चौकन्ना रहते हुए राकांपा की साजिश को समझकर खुद को बाहर निकालना चाहिए.’’
बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि शिवसेना में लोग ठाकरे को ठीक से सलाह नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में कई शिवसैनिकों ने शिवसेना छोड़ दी है. पाटिल ने आश्चर्य जताया कि राज्यसभा चुनाव में प्रफुल्ल पटेल (राकांपा) के पहले अधिमान्य मतों का कोटा 42 से बढ़ाकर 43 क्यों किया गया.
कांग्रेस के उम्मीदवार को 44 वोट क्यों
उन्होंने यह भी सवाल किया कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को सभी 44 वोट क्यों दिए, जबकि कोटा केवल 41 का था. उन्होंने कहा कि राकांपा और कांग्रेस अपने अतिरिक्त वोट संजय पवार को दे सकती थीं. डाले गए 284 मतों में से पीयूष गोयल और अनिल बोंडे (दोनों भाजपा) को 48-48 मत मिले, जबकि भाजपा के एक अन्य उम्मीदवार महादिक को 41.56 मत मिले.
शिवसेना के संजय राउत को 41, प्रतापगढ़ी को 44 और पटेल को 43 वोट मिले. प्रफुल्ल पटेल ने एक दिन पहले कहा था कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) - जिसमें शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं- निर्दलीय विधायकों के चार-पांच वोट हासिल करने में विफल रहा.
शिवसेना को होगा नुकसान
उन्होंने सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच ‘क्रॉस वोटिंग’ से इनकार किया था. विखे पाटिल ने कहा कि 20 जून को होने वाले महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भाजपा के सभी छह उम्मीदवार जीतेंगे जिसमें पार्टी द्वारा समर्थित एक उम्मीदवार भी शामिल है. उन्होंने कहा कि शिवसेना को नुकसान होगा. विधान परिषद के लिए कुल दस सीट पर चुनाव होगा.
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