शिष्या आशुतोषांबरी ने भी ली समाधि, गुरु आशुतोष महाराज से है कनेक्शन, जानें- पूरा मामला
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Meet Sadhvi Ashutoshamvari: अपने गुरु को वापस लाने के लिए साध्वी आशुतोषमवरी ने 28 जनवरी 2024 को सुबह 4.33 बजे समाधि ले ली. आशुतोषमवारी के शिष्यों ने साध्वी के शरीर को सुरक्षित रखने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है.
Meet Sadhvi Ashutoshamvari: हाल ही में साध्वी आशुतोषमवरी की समाधि के बारे में जानकर पूरा देश हैरान रह गया. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आनंद आश्रम की गुरु मां, साध्वी आशुतोषमवरी ने 28 जनवरी, 2024 को अपने गुरु आशुतोष महाराज को उनकी समाधि से वापस लाने के लिए खुद समाधि लेने का कदम उठाया. गौरतलब है कि ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2014 को समाधि ली थी.
अपने शिष्यों को एक वीडियो संदेश में, साध्वी आशुतोषमवरी ने कहा कि वह अपने गुरु को वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं, जिन्होंने 10 साल पहले समाधि ली थी. साध्वी ने कहा, 'जब तक मैं अपने गुरु को समाधि से वापस नहीं लाती, मेरे शरीर की रक्षा करें.' उन्होंने सुबह 4.33 बजे समाधि ली. ताजा अपडेट के मुताबिक आशुतोषमवरी के शिष्यों ने कोर्ट में साध्वी के शरीर को सुरक्षित रखने के लिए याचिका दायर की है.
साध्वी आशुतोषमवारी कौन हैं?
आनंद आश्रम के प्रवक्ता बाबा महादेव के अनुसार, साध्वी आशुतोषमवरी का जन्म बिहार में हुआ था. उन्होंने दिल्ली में 'दक्षिणा' प्राप्त की और फिर लखनऊ के आनंद आश्रम में आ गईं. साध्वी आध्यात्म पर प्रवचन देती थीं.
साध्वी आशुतोषमवरी की समाधि की खबर सामने आते ही लोगों ने इसे पाखंड और अंधविश्वास करार दिया. साथ ही कई वैज्ञानिकों ने जांच की मांग की. हालांकि, साध्वी की एक झलक पाने के लिए सैकड़ों लोग आश्रम के बाहर जुटे हुए हैं.
कौन हैं आशुतोष महाराज?
10 साल पहले समाधि लेने से पहले आशुतोष महाराज ने अपने शिष्यों से कहा था कि वे उनके शरीर को सुरक्षित रखें और वह जल्द ही लौटेंगे. 1946 में बिहार के मधुबनी में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे आशुतोष महाराज का नाम महेश कुमार झा था. बता दें कि आशुतोष महाराज जर्मनी में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़कर आध्यात्म के लिए देश लौट आए.
उन्होंने हिमालय और वाराणसी में कई संतों और गुरुओं से आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की. आशुतोष महाराज द्वारा स्थापित, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के पास 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. उनके शव को डीप फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया है. मेडिकल रिपोर्ट्स की मानें तो आशुतोष महाराज का निधन हो चुका है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशुतोष महाराज के देशभर में कम से कम 350 आश्रम हैं, जिनमें से 65 पंजाब में हैं. माना जाता है कि आशुतोष महाराज के नूर महल में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी रखी हुई है.
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