बेंगलुरु: कर्नाटक के शिवमोगा और मेंगलुरु शहर में सांप्रदायिक तनाव का माहौल पैदा हो गया है. दरअसल देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार को इन इलाकों में पोस्टर विवाद हो गया. शिवमोगा के अमीर अहमद चौराहे पर दक्षिणपंथी समूहों ने वीर सावरकर के पोस्टर लगाए.


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टीपू सुल्तान के पोस्टर पर विवाद


पोस्टर को लेकर एक दूसरे समूह ने आपत्ति दर्ज करवाई क्योंकि वो चौराहे पर टीपू सुल्तान का पोस्टर लगाना चाहता था. जब सावरकर के पोस्टर को हटाने की कोशिश की गई तो हिंदूवादी संगठनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए. विवाद शांत करवाने के लिए पुलिस को हल्के लाठीचार्ज का प्रयोग करना पड़ा.



प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है और अतिरक्त पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं. इस धारा के तहत अब इलाके में चार या उससे अधिक लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकेंगे. जिस जगह पर पोस्टर लगाने को लेकर विवाद था वहां पर अधिकारियों ने तिरंगा लगा दिया है.


मामले में प्रशासन ने क्या-क्या किया?


वहीं मेंगलुरु में सूरतकल जंक्शन पर लगे एक फ्लेक्स बोर्ड को भी प्रशासन ने हटा दिया है. दरअसल इस चौराहे पर भी वीर सावरकर के नाम का बोर्ड लगा दिया गया था. इसे लेकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने शिकायत की है. प्रशासन ने बैनर को रविवार को ही हटा दिया था. सूरतकल को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका माना जाता है. प्रशासन इस इलाके में स्थितियों को लेकर बिल्कुल सतर्क है. 


एसडीपीआई ने इस चौराहे पर वीर सावरकर का बैनर लगाने को भड़काने वाला कदम बताया है. इस चौराहे के नामकरण को लेकर मेंगलुरु उत्तर सीट के विधायक भरत शेट्टी ने साल 2021 में एक प्रस्ताव रखा था. हालांकि अभी तक इस पर सरकार का अप्रूवल नहीं मिला है. इस चौराहे का नाम सावरकर के नाम पर रखे जाने का एसडीपीआई विरोध कर रही है.


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