सुपुर्द-ए-खाक हुए अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मौत पर भी पाकिस्तान ने उगला जहर
अलगाववादी नेता के निधन पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा- गिलानी साहब के इंतकाल की खबर से दुखी हूं. हमारे बीच ज्यादा मुद्दों पर एकराय नहीं थी, लेकिन उनकी त्वरित सोच और अपने भरोसे पर टिके रहने को लेकर उनका सम्मान करती हूं.
श्रीनगरः ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी बुधवार देर रात नहीं रहे. 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर गिलानी के निधन की जानकारी दी है. उधर, कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि गिलानी के निधन की खबर मिलने पर कश्मीर में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं. इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.
नहीं आ सके रिश्तेदार
जानकारी के मुताबिक, सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) को गुरुवार सुबह 5 बजे ही उनको सुपुर्द ए खाक कर दिया गया. अंतिम संस्कार सुबह 5 बजे जम्मू कश्मीर के हैदरपोरा में हुआ. गिलानी का परिवार चाहता था कि उन्हें सुबह 10 बजे के करीब दफनाया जाए. वे रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार में बुलाना चाहते थे लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी गई.
मुफ्ती ने जताया शोक
अलगाववादी नेता के निधन पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा- गिलानी साहब के इंतकाल की खबर से दुखी हूं. हमारे बीच ज्यादा मुद्दों पर एकराय नहीं थी, लेकिन उनकी त्वरित सोच और अपने भरोसे पर टिके रहने को लेकर उनका सम्मान करती हूं. अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे. उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं.
पाकिस्तान ने फिर उगला जहर
अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने निधन पर भी पाकिस्तान जहर बोने से बाज नहीं आया. प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस दौरान भी बयानबाजी की. इमरान खान ने गिलानी की मौत पर देश के झंडे को आधा झुकाने का ऐलान किया. पाकिस्तान में इमरान ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की भी घोषणा की है.
पाकिस्तान में शोक
पाकिस्तान के पीएम ने ट्वीट करके कहा कि कश्मीरी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं. गिलानी जीवनभर अपने लोगों और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लड़ते रहे. इमरान ने कहा कि भारत ने उन्हें कैद करके रखा और प्रताड़ित किया. इमरान ने कहा, 'हम पाकिस्तान में उनके संघर्ष को सलाम करते हैं और उनके शब्दों को याद करते हैं- हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा है. पाकिस्तान का झंडा आधा झुका रहेगा और हम एक दिन का आधिकारिक शोक मनाएंगे.'
चुनाव का किया था बॉयकाट
सैयद अली शाह गिलानी ने साल 2014 के चुनावों को दरकिनार किए जाने की अपील की थी. उन्होंने अपने संदेश में कश्मीर की जनता को कहा था कि चुनावों में वो न दे जिसके बाद आतंकियों ने ऐसे कई नागरिकों की हत्या की जो चुनावों में भाग ले रहे थे. हालांकि कश्मीर की जनता ने गिलानी की बात नहीं सुनी और राज्य में 65 फीसदी मतदान हुआ था. जम्मू-कश्मीर में 25 सालों बाद ऐसा हुआ था.
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