नई दिल्ली: दरिंदों की दरिंदगी और हैवानियत की शिकार हुई उन्नाव की निर्भया अब इस दुनिया में नहीं रही. करीब 40 घंटे से ज्यादा जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद आखिर उम्मीद की लौ बुझ गई. यूपी के उन्नाव में आग के हवाले कर दी गई रेप पीड़िता की बीती रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर पीड़िता की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई.


एयरलिफ्ट कर लाया गया था दिल्ली


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

युवती को गुरुवार शाम एयरलिफ्ट करके लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया था. दिल्ली एयरपोर्ट से सफदरजंग अस्पताल तक एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर एंबुलेंस से उतारते ही पीड़ित को एंबुलेंस में डाला गया और फिर वहां से सफरदरजंग अस्पताल लाया गया जहां पहले से ही एक टीम उसके इलाज के लिए तैयार थी. डॉक्टरों ने बताया था कि पीड़िता का शरीर 90 परसेंट तक जल चुका था.



पीड़िता को बचाने के लिए सफदरजंग अस्पताल का पूरा अमला दो दिनों से जुटा था. बेहतर से बेहतर इलाज का बंदोबस्त किया गया था. यूपी की योगी सरकार के खुद पीड़िता के इलाज का पूरा खर्चा उठाने का इलान किया था. लेकिन डॉक्टरों की लाख कोशिशों को बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.


सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों के मुताबिक शुक्रवार शाम में ही पाड़िता की हालत बिगड़ने लगी थी. रात करीब ग्यारह बजकर 10 मिनट पर उसे कार्डियक अरेस्ट आया. डॉक्टरों ने तत्काल उसका इलाज शुरू किया और बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन रात ग्यारब बजकर 40 मिनट पर तमाम कोशिशे नाकाम हो गई और बीस साल की रेप पीड़िता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.


इंसानी पोशाक में 5 दानव


20 साल की रेप पीड़िता को उन्नाव के बिहार थाना इलाके में गुरुवार तड़के पांच लोगों ने जिंदा जला दिया था. पीड़िता ने बताया था कि गुरुवार सुबह 4 बजे वह ट्रेन पकड़ने के लिए बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी. इस बीच, मौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर, शुभम, शिवम और उमेश ने उसे घेर लिया और डंडे, चाकू से वार किया. जब वह चक्कर खाकर जमीन पर गिर गई तो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया.



चश्मदीदों के मुताबिक आग की लपटों में आने के बाद भी पीड़िता ने हार नहीं मानी और करीब एक किलोमीटर तक खुद चलकर गई. और लोगों से मदद की गुहार लगाई. गुरुवार सुबह करीब 10 बजे उसे नाजुक हालत में लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी लगते ही लखनऊ से दिल्ली तक सनसनी फैल गई. हैदराबाद में वैटरनिटी डॉक्टर की रेप के बाद जिंदा जलाकर हत्या की घटना के बाद इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इस हैवानियत के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए.


तो क्या पुलिस ने लापरवाही की?


हैरान करने वाली बात ये थी कि पीड़िता को जिंदा जलाने वालों में शामिल युवक शिवम त्रिवेदी पर पीड़िता के साथ रेप और ब्लैकमेलिंग का केस पहले से दर्ज है. पीड़िता ने थाने में शिकायत कर बताया था कि शिवम त्रिवेदी नाम के शख्स ने उसे प्रेमजाल में फंसाया और फिर रायबरेली ले जाकर रेप किया. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि त्रिवेदी ने मोबाइल में उसका वीडियो बना लिया था. और इसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर वो लगातार उसके साथ जबरदस्ती करता रहा था. इस केस की जांच रायबरेली पुलिस ने की थी और दोनों आरोपी जमानत पर बाहर थे.


रेप पीड़िता को जिंदा जलाने वाले पांचों आरोपियों कों पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इसकी जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया है. जिसका नेतृत्व एएसपी स्तर के एक अधिकारी को सौपा गया.


इसे भी पढ़ें: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए सिर्फ हेल्प डेस्क है नाकाफी


उन्नाव की निर्भया के गुनहगार जेल की सलाखों के पीछे है लेकिन वो खुद अब इस दुनिया में नहीं रही. लेकिन अपने पीछे वो कई सारे सवाल छोड़ गई. सवाल महिलाओं की सुरक्षा पर है. सवाल देश में न्यायिक सिस्टम पर है. सवाल पुलिस की जांच और कार्यप्रणाली पर है. और सबसे बड़ा सवाल पूरे समाज के सामने है. कि आखिर कब तक निर्भया ऐसी आग में जलाई जाती रहेंगी? इन सवालों के जवाब सरकार, पुलिस और समाज सबको देने होंगे.