नई दिल्लीः दिल्ली के ‘रेड लाइट एरिया’ जीबी रोड पर पहली बार सेक्स वर्कर्स और उनके परिवारों की नियमित जांच और इलाज की सुविधा के लिए क्लीनिक खोला गया है. क्लीनिक का उद्घाटन रविवार को किया गया. 


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बंद पड़े स्कूल के एक हिस्से में खोला गया क्लीनिक
यह क्लीनिक एक बंद पड़े स्कूल के एक हिस्से में शुरू किया गया है. सेक्स वर्कर शालिनी (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस सुविधा से उन्हें उस तरह के ‘अनादर’ से लड़ने में मदद मिलेगी, जिसका सामना वह शहर के अन्य हिस्सों के क्लीनिकों में जाकर करती हैं. 


'डॉक्टरों का व्यवहार भी हमारे प्रति बदल जाता है'
उन्होंने बताया, ‘यहां तक कि डॉक्टर भी अलग तरह से व्यवहार करना शुरू कर देते हैं जब उन्हें पता चलता है कि हम सेक्स वर्कर हैं और यह क्लीनिक इस व्यवहार को बदलने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह सिर्फ हम जैसे लोगों के लिए है.’


NGO सेवा भारती ने की क्लीनिक की शुरुआत
गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सेवा भारती ने सेक्स वर्कर्स और उनके परिवारों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए इस क्लीनिक की शुरुआत की है. इसमें सात डॉक्टर होंगे. 


सेवा भारती के दिल्ली प्रांत के महासचिव सुशील गुप्ता ने कहा, ‘हमने साल के पहले दिन समाज के शोषित तबके के लिए यह पहल की है.’


जीबी रोड में करीब 5 हजार महिलाओं के रहने का अनुमान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीबी रोड के 77 कोठों में लगभग पांच हजार महिलाएं और बच्चियां रहती हैं. उन्हें यहां जबरदस्ती या फिर गैरकानूनी रूप से खरीदकर लाया जाता है. यहां ये सेक्स वर्कर के रूप में काम करती हैं. इनके सामने स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां आती हैं, लेकिन समाज में समान व्यवहार न मिलने के कारण ये कई बार इलाज से वंचित रह जाती हैं. अब ये क्लीनिक उनके इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.


(इनपुटः भाषा)


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