नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए धरने पर देश की अदालत भी अपना फैसला दे चुकी है और कोर्ट में ये साबित हो चुका है कि शाहीन बाग का धरना पूरी तरह अवैध था. इसी धरने स्थल से कई कट्टरपंथी निकले जिनके जहरीले भाषणों ने दिल्ली दंगों को अंजाम दिया. सिर्फ दिल्ली में ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी CAA और NRC के खिलाफ हिंसा हुई थी जिसमें PFI का नाम सामने आया था. 


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PFI के दफ्तर में UP STF की छापेमारी


उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दिल्ली में शाहीन बाग स्थित ऑफिस में छापेमारी की है. हाथरस मामले में PFI ने राज्य में दंगे और हिंसा भड़काने की साजिश रची थी. इसी संदर्भ में यूपी STF ने ये छापेमारी की है. रउफ शरीफ से पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ की टीम PFI के दिल्ली दफ्तर में छापेमारी की है. इसके अलावा, पीएफआई के कई और ठिकानों पर रेड जारी है.  


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CFI का जनरल सेक्रेटरी है रउफ शरीफ 


आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने रउफ शरीफ को केरल में गिरफ्तार किया था. रउफ शरीफ को पुलिस प्रोडक्शन पर लेकर आई है. रउफ शरीफ पीएफआई स्टूडेंट विंग के CFI का जनरल सेक्रेटरी है. 


गौरतलब है कि रउफ शरीफ के खिलाफ हाथरस में दंगा भड़काने के लिए फंडिंग और यूपी में सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा की साजिश का आरोप है. रउफ शरीफ को बीते गुरुवार को मथुरा कोर्ट ने 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुलिस ने रउफ शरीफ की 10 दिन की रिमांड मांगी थी.


यूपी एसटीएफ के मुताबिक रउफ शरीफ ने विदेश से फंडिंग हासिल करके सिद्दीकी कप्पन और अन्य को पैसे दिए. प्रवर्तन निदेशालय ने रउफ शरीफ के खिलाफ दिसंबर, 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. 


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