नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए NCP (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार की सुरक्षा हटा दी है. पवार के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास से सुरक्षा हटाने को लेकर केंद्र के खिलाफ बदले की राजनीति का आरोप लगाया जा रहा है. 
 एनसीपी इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि इस प्रकार के कदम से पार्टी नेताओं को डराया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी. 


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गृहमंत्री ने कहा, यह केवल राजनीति
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सुरक्षा हटाना चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बात से वाकिफ हैं कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं और वो कई बार खतरे का सामना कर चुके हैं. संजय राउत का कहना है कि पहले भी उन पर हमले हो चुके हैं. उन्होंने गांधी परिवार की सुरक्षा हटाए जाने का भी जिक्र किया. बोले कि पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी और अब पवार की सुरक्षा घटाई गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है.



महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि उन्हें Z+ सुरक्षा दी गई थी. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर कई साल तक सेवाएं दी है. उनकी सुरक्षा को हटा दिया जाना सिवाए राजनीति के कुछ भी नहीं है. केंद्र सरकार जिस तरह की राजनीति कर रही है वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है. 


20 जनवरी से हटाई गई है सुरक्षा
महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने भी भाजपा की आलोचना की और केंद्र के इस कदम को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की हार से जोड़ा. वहीं, राज्य के आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा, शरद पवार किसी को डराने वाली रणनीति से भयभीत नहीं होंगे. चिंता की बात नहीं है, जनता का स्नेह ही पवार साहब का असली सुरक्षा कवच है. जानकारी के अनुसार दिल्ली में पवार के निवास पर तैनात दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मियों को 20 जनवरी से अचानक हटा लिया गया. हालांकि, महाराष्ट्र में उन्हें घर और उनके दौरों पर उचित सुरक्षा दी जाती है.


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