Maharashtra: उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना से निकाला, अब किस ओर करवट लेगी सियासत?
सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक्शन लिया है. उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में सभी पदों से हटा दिया गया. सीएम शिंदे ने इस पर कहा कि `ये अस्तित्व की लड़ाई है. समय आने पर जवाब दूंगा.`
नई दिल्ली: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. उद्धव ने शिंदे को पार्टी विरोधी गतिविधि को लेकर एक्शन लिया, शिवसेना प्रमुख के खिलाफ विद्रोह शिंदे ने उन्हें शिवसेना नेता के पद से महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा दिया.
शिवसेना ने एक्शन के पीछे बताया ये कारण
शिवसेना के एक बयान में कहा गया है कि शिंदे को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के चलते उन्हें हटा दिया गया है. महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में विद्रोह से पैदा हुआ था, जो अन्य विधायकों के साथ गुवाहाटी में रहे और उनका समर्थन किया. उद्धव ठाकरे ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया.
इससे पहले शुक्रवार को, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के एक बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री का पद देने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यदि भाजपा और अमित शाह अपने वादे पर कायम रहते तो इस वक्त भाजपा का मुख्यमंत्री होता.
महाराष्ट्र में 4 जुलाई को होगा फ्लोर टेस्ट
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में आगामी 4 जुलाई को फ्लोर टेस्ट होगा. एकनाथ शिंदे का 170 विधायकों के समर्थन का दावा किया. सुप्रीम कोर्ट से उद्धव गुट को एक और झटका लगा है. विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर जल्द सुनवाई से अदालत ने इनकार कर दिया. कोर्ट ने साफ किया कि 11 जुलाई को ही सुनवाई होगी.
राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना ने भाजपा से पांच साल के कार्यकाल के दौरान दोनों दलों के लिए 2.5-2.5 साल के मुख्यमंत्री पद की मांग की थी, जिस पर बाद में सहमति नहीं बन पाई थी. शिवसेना ने तब सरकार बनाने के लिए विरोधी राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था.
.तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता
30 जून को एकनाथ शिंदे ने शपल ली तो, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने 1 जून को कहा कि अगर गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में उनसे किया गया वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता.
उन्होंने 'तथाकथित शिवसैनिक' को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाये जाने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फैसले पर सवाल उठाये और आश्चर्य जताया कि भाजपा ने 2019 में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इनकार क्यों किया. ठाकरे ने शिवसेना भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा से यह भी कहा कि वह मुंबई को इस तरह धोखा न दे, जैसे कि उसने उन्हें 'धोखा' दिया था.
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