सिद्धरमैया सरकार ने गोहत्या विरोधी कानून किया था रद्द, अब महंतों ने किया फैसले का विरोध
महंतों ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से आग्रह किया कि वे अधिनियमों में बदलाव के किसी भी कदम पर आगे न बढ़ें क्योंकि इससे दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के अन्य जिलों में सामाजिक अशांति फैल सकती है.
मेंगलुरु. दक्षिण कन्नड़ जिले के विभिन्न मठों के प्रमुखों ने धर्मांतरण-रोधी कानून और गोहत्या रोकथाम अधिनियम को रद्द करने संबंधी कर्नाटक सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है. ओडियुरु मठ के गुरुदेवानंद स्वामी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि महंतों की बैठक में ‘कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण अधिनियम’ को वापस लेने और ‘कर्नाटक पशु वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम’ में संशोधन करने के फैसले को लेकर कुछ मंत्रियों के हालिया बयानों की निंदा की गई.
महंतों ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से आग्रह किया कि वे अधिनियमों में बदलाव के किसी भी कदम पर आगे न बढ़ें क्योंकि इससे दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के अन्य जिलों में सामाजिक अशांति फैल सकती है. गुरुदेवानंद स्वामी ने इस कदम को ‘हिंदू विरोधी’ करार देते हुए कहा कि सरकार को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए.
महंतों ने राज्य सरकार दी चेतावनी
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस कदम पर आगे बढ़ती है तो महंत भूख हड़ताल करेंगे. वज्रदेही मठ के प्रमुख राजशेखरानंद स्वामी ने कहा कि अगर धर्मांतरण-रोधी कानून रद्द किया जाता है या गोहत्या अधिनियम में बदलाव किया जाता है तो वे कानूनी रास्ता भी अपनाएंगे. बैठक में दक्षिण कन्नड़ जिले के 10 मठों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया. राज्य सरकार ने जून में कहा था कि वह तीन जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण-रोधी कानून को रद्द करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.
मंत्री के बयान पर मचा था बवाल
इससे पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बसवराज बोम्मई ने राज्य के पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं. बोम्मई ने बयान की निंदा करते हुए कई ट्वीट किए थे. उन्होंने कहा कि भारतीय गायों से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और मां की तरह उनकी पूजा करते हैं.
बोम्मई ने कहा, 'पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश का बयान स्तब्धकारी है. हम उनके बयान की निंदा करते हैं. हम भारतीयों का गाय से भावनात्मक जुड़ाव है और हम गाय को माता के रूप में पूजते हैं.' बोम्मई ने पूछा कि वेंकटेश किसे खुश करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री ने यह बयान अपना विभाग बदलवाने के लिए दिया या फिर कांग्रेस आलाकमान को खुश करने के लिए.
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