`भारत माता से आजादी` और `कश्मीर से आजादी` जैसे नारों से कांग्रेस में मची खलबली
नागरिकता संशोधन कानून पर देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने देश के विरोध का रूप धारण कर लिया है. इन देश विरोधी नारों को कांग्रेस की मौन स्वीकृति देने से उसके कई वरिष्ठ नेता नाराज हो गये हैं.
दिल्ली: नागरिकता कानून पर देश भर में लोगों को भड़काने की कोशिश हो रही है. मोदी सरकार के विरोध में कुछ लोग इतना ज्यादा बौखलाए हुए हैं कि इन लोगों ने देश का भी विरोध करने शुरू कर दिया है. देश में कई जगहों पर 'भारत माता से आजादी' और 'कश्मीर से आजादी' जैसे देश तोड़ने वाले नारे लग रहे हैं. इन नारों को कांग्रेस के मौन समर्थन देने से उसके कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने CAA के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अलगाववादी नारे लगाए जाने पर नाखुशी जाहिर की है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने जताई नाराजगी
अभिषेक मनु सिंघवी ने CAA के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अलगाववादी नारे लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत माता से आजादी और कश्मीर से आजादी अलगाववादी नारे हैं. इनकी सीएए के विरोध में कोई जगह नहीं है, क्योंकि वे हमारे राष्ट्र की अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं. साथ ही सीएए के खिलाफ मजबूत आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं.
कपिल सिब्बल ने बताया था इसे असंवैधानिक
कपिल सिब्बल ने कहा कि सीएए संसद से पास है तो कोई भी राज्य ये नहीं कह सकता कि हम इसे लागू नहीं करेंगे. ये संभव नहीं है. ये असंवैधानिक है. आप इसका विरोध कर सकते हैं. आप विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और सरकार से कह सकते हैं कि इसे वापस लिया जाए. कपिल सिब्बल ने यह बात ऐसे समय कही है जब केरल और पंजाब सरकार ने CAA को राज्य में लागू करने से इनकार किया.
कोलकाता में हुई भारत विरोधी नारेबाजी
कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में भारत विरोधी नारेबाजी हुई है. देशविरोधी नारे लगाने वाले छात्र अलग-अलग विश्वविद्यालयों के थे. ये छात्र बीजेपी सांसद स्वप्नदास गुप्ता का विरोध कर रहे थे. स्वप्नदास यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने भारत माता से आजादी, कश्मीर और असम की आजादी समेत कई विवादित नारे लगाए.
प्रदर्शन में देशविरोधी नारेबाजी क्यों?
नाराजगी और विरोध प्रदर्शन तक बात ठीक थी, लेकिन इस दौरान छात्र-छात्राओं ने कई ऐसे पोस्टर और बैनर ले रखे थे, जिन पर कोई भी हिंदुस्तानी आसानी से ऐतराज कर सकता है. कई बैनर्स में आपत्तिजनक स्लोगन या फिर शब्द साफ-साफ नजर आ रहे थे. इस दौरान भारत माता से आजादी कश्मीर और असम की आजादी के नारे लगाए गये. सवाल ये है कि प्रदर्शन में देशविरोधी नारेबाजी क्यों की गई?
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