नई दिल्ली: Women Reservation Bill: संसद का विशेष सत्र जारी है. आज महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है, ये बिल आज ही लोकसभा में पास होना है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पहली बार नई संसद में भाषण दिया. सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर अपने विचार रखे. सोनिया गांधी ने इस बिल को राजीव गांधी से जुड़ा हुआ बताया और इसका समर्थन किया. साथ ही सरकार से इस बिल को जल्द अमल में लाने की मांग की.


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सोनिया बोलीं- भारतीय महिलाओं में समंदर-सा धैर्य
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस की ओर से मैं 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023' के समर्थन में खड़ी हूं. भारतीय नारी ने सभी की भलाई के लिए काम किया है. स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना मुश्किल भरा काम है. भारतीय महिलाओं ने कभी शिकायत नहीं की. महिलाओं में समंदर की तरह धैर्य होता है.


मांग- तुरंत अमल में लाया जाए बिल
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मांग करते हुए कहा कि इस बिल को तुरंत अमल में लाया जाए. यदि इसे लाने में देरी होती है, तो महिलाओं के साथ बड़ा अन्याय होगा. इस बिल को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लेकर आए थे. उस समय ये बिल राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था. ये बिल राजीव गांधी का सपना था. फिर तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव वाली कांग्रेस सरकार ने इस बिल को पारित कराया. इसी का परिणाम है कि स्थानीय स्तर पर हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं. कांग्रेस इस बिल का समर्थन करती है. हमें खुशी है कि ये बिल पारित हो रहा है. लेकिन मुझे एक चिंता सता रही है. बीते 13 सालों से देश की महिलाएं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही थीं. अब उन्हें कुछ और सालों तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है. उन्हें कितने साल इंतजार करना होगा, एक, दो, चार या आठ साल? क्या भारतीय महिलाओं के साथ ये बर्ताव सही है. 


फिर उठा जातीय जनगणना का मुद्दा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा कि कांग्रेस की मांग है कि जातीय जनगणना करवाई जाए. ताकि अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था हो. मेरी मांग है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रास्ते में आने वाली सभी रुकावटों को दूर करते हुए इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए. 


निशिकांत दुबे ने सोनिया पर पलटवार किया
महिला आरक्षण बिल पर भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने सोनिया गांधी को जवाब देते हुए कहा कि इस महिला आरक्षण बिल के लिए सबसे मुखर आवाज सुषमा स्वराज और गीता मुखर्जी रहीं. सोनिया गांधी ने इन दोनों महिलाओं का नाम तक नहीं लिया. भले आप कहती हैं कि आपकी सरकार ये बिल लेकर आई. लेकिन ये भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिल है.


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