नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है जिसमें अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रोफेसर राम गोपाल यादव को प्रमुख महासचिव बनाने के साथ ही मोहम्मद आजम खान, शिवपाल सिंह यादव और स्‍वामी प्रसाद मौर्य को महासचिव बनाया गया है. सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची साझा की गयी है.


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14 राष्ट्रीय महासचिव की सूची जारी


सूची के अनुसार फिर अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष, किरणमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया है. इसके अलावा मोहम्मद आजम खां, शिवपाल सिंह यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव सहित 14 राष्ट्रीय महासचिव होंगे.


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सुदीप रंजन सेन पार्टी के कोषाध्यक्ष होंगे, जबकि सदस्यों के अलावा 19 राष्ट्रीय सचिव होंगे. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पिछले वर्ष के आखिरी महीने में मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया और चुनाव में सपा की भारी जीत के बाद उन्होंने सपा का झंडा थाम लिया. उन्होंने 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े.


शिवपाल इस वक्त सपा के साथ


हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के बीच नजदीकी होने के बाद शिवपाल ने सपा के ही निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जसवंत नगर से विधायक बनने के बाद फिर से अखिलेश यादव से उनकी दूरी हो गयी थी. मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश यादव मैनपुरी उपचुनाव में चौथी बार मतभेद दूर कर एक हुए थे और तबसे चाचा-भतीजा के रिश्ते मजबूत हुए हैं.


रामचरितमानस को लेकर दिया था विवादित बयान


सपा की कार्यकारिणी में राम चरित मानस पर विवादित बयान देने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य को भी राष्‍ट्रीय महासचिव के रूप में महत्व मिला है. उल्लेखनीय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजनक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान पर खासा विवाद उत्पन्न हो गया था.


संत समाज और हिन्दूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। इस मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है. इसके अलावा 2022 के चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर सपा में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को भी राष्‍ट्रीय महासचिव बनाया गया है.


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