नई दिल्ली: Jharkhand News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने सोरेन की ओर से सीधे शीर्ष अदालत में दायर याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, 'हाई कोर्ट जाइए. हम इस मामले को नहीं दखेंगे.'


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पीठ ने आदेश दिया, 'संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हम याचिकाकर्ता पर उच्च न्यायालय जाने का अधिकार खुला रखते हैं...याचिकाकर्ता के लिए यह भी खुला होगा कि वह याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने और निपटाने की मांग करे.'


हाई कोर्ट जाने के लिए कहा


मीडिया रिपोर्ट्स के दौरान सोरेन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए. इस पर उन्होंने कहा कि हम एक मुख्यमंत्री के बारे में बात कर रहे हैं जिन्हें अरेस्ट कर लिया गया है. इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अदालत सबके लिए है. हाई कोर्ट संवैधानिक न्यायालय है. अगर हम एक को अनुमति देते हैं तो हमें सभी को अनुमति देनी होगी.


शक्तियों के दुरुपयोग का लगाया था आरोप
संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर अपनी याचिका में सोरेन ने आरोप लगाया कि ईडी के अधिकारियों ने लोकसभा चुनाव से पहले एक 'सुनियोजित साजिश' के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार के निर्देश पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया. याचिका में सोरेन ने उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का आग्रह किया था. 


मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में हुई गिरफ्तारी
सोरेन को 31 जनवरी को भूखंड के 'अवैध' कब्जे और 'भूमि माफिया' के साथ कथित संबंध से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था. रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें बृहस्पतिवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सोरेन ने बुधवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था. आज झारखंड में चंपई सोरेन सीएम पद की शपथ लेंगे.


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