नई दिल्ली. तमिलनाडु बीजेपी चीफ के. अन्नामलाई को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में अन्नामलाई के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी. दरअसल अन्नामलाई ने 2022 में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि एक ईसाई एनजीओ ने सबसे पहले दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस दायर किया था.


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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अन्नामलाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले सामाजिक कार्यकर्ता वी. पीयूष को नोटिस जारी किया. पीयूष ने अन्नामलाई के खिलाफ सलेम की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष मामला दायर किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि प्रथम दृष्टया वैमनस्य फैलाने वाले भाषण का कोई मामला नहीं बनता है. इसी क्रम में जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया. इस पीठ में जस्टिस दीपांकर दत्ता भी शामिल थे।


हाईकोर्ट ने रद्द की थी अन्नामलाई की याचिका
दरअसल हाल में मद्रास हाईकोर्ट ने अन्नामलाई द्वारा आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. बता दें कि अन्नामलाई ने उस साल दिवाली से ठीक दो दिन पहले 22 अक्टूबर 2022 को एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि एक ईसाई एनजीओ ने सबसे पहले त्योहार के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस दायर किया था.


क्या है शिकायतकर्ता का आरोप
अन्नामलाई के इस बयान के संदर्भ में शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि बीजेपी नेता ने जानबूझकर 'झूठ' बोलकर सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दिया था. सलेम मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत पर संज्ञान लिया था और अन्नामलाई को नोटिस जारी किया था जिसके खिलाफ उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था.


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