नई दिल्लीः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विभिन्न नेताओं के खिलाफ छापों से नाराज बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बुधवार को बीजेपी पर जमकर भड़ास निकाली. राज्य की नवगठित ‘महागठबंधन’ सरकार की ओर से लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह ‘समाजवादी विचारधारा को समाप्त’ करने के प्रयास के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी को ‘तोड़ने’ का प्रयास कर रही है.


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'मुख्यमंत्री और मेरी विचारधारा समान'
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मेरे पिता लालू प्रसाद, मां राबड़ी देवी, मेरी बहनें और मैं, हम सभी समाजवादी विचारधारा के प्रति समर्पण की कीमत चुका रहे हैं. मुख्यमंत्री और मेरी विचारधारा समान है. हम समाजवादियों ने जो बोया है उसे आप (भाजपा) नहीं काट सकते.’ 


उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग (IT) को ‘तीन जमाई’ करार दिया, जिन्हें भाजपा उन राज्यों में भेजती है, जहां वह सत्ता में नहीं है. 


मीडिया पर भी जताई नाराजगी
राजद के संभावित उत्तराधिकारी ने मीडिया के कुछ धड़ों को लेकर भी निराशा जताई और कहा कि उन लोगों ने बिना किसी आधार के कहा कि गुड़गांव में एक मॉल पर सीबीआई ने छापा मारा है, वह मॉल उनका (तेजस्वी) है. 


तेजस्वी ने बीजेपी पर ली चुटकी
यादव ने कहा, ‘इन मीडिया संस्थानों को कुछ पड़ताल करनी चाहिए. यह (मॉल) हरियाणा के किसी व्यक्ति का है और इसका उद्घाटन भाजपा के सांसद ने किया था.’ बिहार विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा, इस पर फैसला लेने में भाजपा की अक्षमता पर चुटकी लेते हुए युवा नेता ने कहा, ‘दिल्ली में बैठे लोग बिहार की आत्मा को नहीं समझते. यहां डराना-धमकाना नहीं चलता है. तीन ‘जमाइयों’ को यहां भेजने से हम नहीं डरने वाले. भाजपा बिना दुल्हे की बारात जैसी नजर आ रही है.’ 


'मुख्यमंत्री को पीएम ने कहा था समाजवादी'
यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने ‘साहसिक फैसला’ लिया है और यह देश के लोगों के लिए ‘आशा की नई किरण’ लेकर आई है. उन्होंने टिप्पणी की कि भाजपा के नेताओं को यह भी याद रखना चाहिए कि मुख्यमंत्री को और किसी ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं समाजवादी कहा था. 


उन्होंने कहा, ‘आप सभी 2024 के आम चुनावों से डरे हुए हैं, क्योंकि बिहार में संयुक्त विपक्ष भाजपा को बुरी तरह हराएगा. इसलिए तीन जमाइयों को भेजा जा रहा है.’ वहीं, बार-बार ‘जमाई’ शब्द के इस्तेमाल पर बीजेपी के नेताओं ने विरोध जताया.


विधानसभा में विश्वासमत किया हासिल
वहीं, विधानसभा में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने भाजपा विधायकों के बहिर्गमन के बीच बुधवार को आसानी से विश्वासमत हासिल कर लिया है. इससे पहले स्पीकर विजय सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 


160 विधायकों ने पक्ष में किया मतदान
विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुरोध पर गिनती का आदेश दिया. चौधरी ने कहा कि ध्वनिमत ने स्पष्ट रूप से बहुमत का समर्थन दर्शाया है, लेकिन गिनती से किसी भी तरह के भ्रम की गुंजाइश नहीं रहेगी. कुल मिलाकर 160 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि इसके खिलाफ कोई वोट नहीं पड़ा.


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