नई दिल्ली. 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर जारी बहस के बीच पूर्व चुनाव आयुक्त ने इसे लेकर एक सलाह दी है. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा कि अगर एक साथ चुनाव कराने पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मति नहीं बनती है तो इसे ‘लोगों पर थोपा’ नहीं जाना चाहिए. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाएं तलाशे जाने के बीच 


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कुरैशी की नई किताब का विमोचन
अब पूर्व चुनाव आयुक्त कुरैशी ने यह भी उम्मीद जतायी कि वर्तमान चुनाव आयुक्त ‘दृढ़ रहेंगे’ और आगामी चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में कड़ाई के साथ तत्काल कार्रवाई करेंगे. दरअसल कुरैशी ने एक नई किताब लिखी है और इसी सिलसिले में उन्होंने एक समाचार एजेंसी को इंटरव्यू भी दिया है.


चुनावी इतिहास पर किताब
उनकी नई किताब का नाम है ‘इंडियाज एक्सपेरिमेंट विद डेमोक्रेसी: द लाइफ ऑफ ए नेशन थ्रू इट्स इलेक्शन्स’.कुरैशी की किताब को प्रकाशित किया है हार्पर कॉलिन्स इंडिया ने और इसका विमोचन बुधवार को किया गया.यह किताब भारत में चुनावों के इतिहास, प्रक्रियाओं और राजनीति पर गहराई से प्रकाश डालती है.


उन्होंने दलों को धन देने के लिए चुनावी बांड को माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किए जाने पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि इसने धन देने की पूरी प्रक्रिया को ‘पूरी तरह गैर पारदर्शी’ बना दिया है. 


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