नई दिल्ली: Titar singh: राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग होनी है. इस सीट सेकांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत हो गई थी, इसलिए चुनाव आयोग ने बोटिंग टाल दी थी. इस सीट पर अब चुनाव होंगे. यहां से कांग्रेस ने गुरमीत कुन्नर के बेटे रूबी कुन्नर को टिकट दी है. लेकिन इस सीट पर एक 78 वर्ष के निर्दलीय प्रत्याशी तीतर सिंह की चर्चा हो रही है. तीतर सिंह का यह 32वां चुनाव है, इससे पहले वो 31 चुनाव हार गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एसडीएम से मांगी प्रचार के लिए गाड़ी
तीतर सिंह ने हाल ही में करणपुर विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा था. उन्होंने एसडीएम के सामने ये मांग रख दी कि उनके पास प्रचार करने के लिए गाड़ी नहीं है, उन्हें एक गाड़ी उपलब्ध करावाई जाए. तीतर सिंह ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है. इसके लिए मुझे एक गाड़ी की जरूरत है. तीतर सिंह की यह मांग सुनकर हर कोई हैरान है. 


5वीं तक पढ़े हैं तीतर सिंह
तीतर सिंह ने 5वीं तक पढ़ाई की है. उनका कहना है इ बीतती उम्र के साथ वे पढ़ाई-लिखाई भूल गए. लेकिन हस्ताक्षर करना जानते हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में तीतर सिंह को 427 वोट मिले. जबकि 2018 के चुनाव में उन्हें 653 वोट मिले. तीतर सिंह घर चलाने के लिए मजदूरी करते हैं. वो दिन के 255 रुपये कमाते हैं. 


क्यों लड़ते आ रहे हैं चुनाव
तीतर सिंह ने पहली बार 1985 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था. तब से वे लगातार पंचायत या विधानसभा का चुनाव लड़ते आ रहे हैं. दरअसल, तीतर सिंह सिस्टम से खफा हैं. तीतर सिंह का कहना है कि सरकार गरीबों की दुर्दशा नहीं समझती. हर सरकार गरीब और उनके मुद्दों को तवज्जो नहीं देती है. इसी कारण से मैंने हर बार चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बता दें कि तीतर सिंह सोशल मीडिया पर भी खूब फेमस हैं. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उनके हजारों में फोलोअर्स हैं. 


ये भी पढ़ें- राजस्थान में भाजपा जीती, फिर भी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा क्यों?


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.