नई दिल्ली. साल 2024 का आगाज हो चुका है और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने आसन्न लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर लिया है. साल के पहले ही सप्ताह में हुई बीजेपी की अहम बैठक में यह तय किया गया है. पार्टी का नया नारा है- 'अबकी 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार'. 400+ का टारगेट हासिल करने के लिए बीजेपी ने दक्षिण भारतीय राज्यों से ज्यादा सीटें निकालने की प्लानिंग की है. 


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पांच राज्यों की 129 लोकसभा सीटें
अगर दक्षिण भारत के पांच राज्यों की कुल सीटों की बात करें तो इसकी संख्या 129 है. ये राज्य हैं तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना. इनमें कर्नाटक ही ऐसा राज्य है जहां बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी जबरदस्त प्रदर्शन किया था. पार्टी को कर्नाटक की 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 


2019 में हासिल हुई थीं 29 सीटें
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 129 में से केवल 29 सीटें हासिल हुई थीं. दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी इस बार ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रख रही है लेकिन 2023 में उसे उस राज्य में पराजय मिली है जहां पर उसने 2019 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती थी, यानी कर्नाटक. तमिलनाडु, केरल और  आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बीजेपी खाता भी नहीं खोल सकी थी. लेकिन इसके बावजूद इस बार 40-50 सीटें जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है और कमर कस चुकी है. 



पीएम मोदी का विशेष फोकस रहेगा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तमिलनाडु में थे और उन्होंने करीब 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास-उद्घाटन किया. माना जा रहा है कि अगले कुछ समय में पीएम मोदी दक्षिण भारत में और ज्यादा दौरे कर सकते हैं. बुधवार को भी प्रधानमंत्री केरल में हैं और एक बड़े रोड शो के साथ थ्रिसूर जिले में एक रैली को संबोधित करेंगे. एक मीडिया रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस रैली में करीब 2 लाख महिला पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रह सकती हैं. यह बीजेपी की तरफ से एक प्रतीकात्मक संदेश भी है क्योंकि कांग्रेस ने कहा था कि दक्षिण भारत में बीजेपी का कोई बेस नहीं है. 



पार्टी का अनुमान-हर राज्य से मिलेंगी सीटें
मीडिया रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा गया है- हमारा लक्ष्य 40-50 सीटें जीतने का है. कर्नाटक में हमें 25 सीटें दोबारा मिलने जा रही हैं क्योंकि राज्य के लोगों ने सिद्धरमैया सरकार की वजह से कांग्रेस पर से भरोसा खोया है. विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद हमारा वोट बेस कम नहीं हुआ था. इसके अलावा तेलंगाना में भी 2019 की तुलना में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा. पिछली बार पार्टी ने 4 लोकसभा सीटें जीती थीं. इसके अलावा हम केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से भी सीटें जीतने को लेकर आशांवित हैं. 


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