नई दिल्ली: आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एक समावेशी व समग्र स्वास्थ्य पैकेज प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) व सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ा कदम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश में अपनी तरह के एक समझौता ज्ञापन की सराहना की, जो एबी-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचकर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक सही और सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित करने को प्रोत्साहन देगा.


मंडाविया ने इसे एक काफी महत्वपूर्ण दिन बताया. उन्होंने इसे देश में अपनी तरह का पहला समझौता बताया, जो एबी-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उचित और सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित करने को प्रोत्साहन देगा.


समाज में परिवर्तनकारी सुधार की नींव
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'इस समझौता ज्ञापन ने समाज में एक ऐतिहासिक परिवर्तनकारी सुधार की नींव रखी है. यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय को विशेष स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, जो वंचित समुदाय के लिए समानता सुनिश्चित करने से आगे की पहल है.'


उन्होंने इसका उल्लेख किया कि ट्रांसजेंडर समुदाय को कलंक और बहिष्कार का सामना करना पड़ता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि एबी-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान समावेशी समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सुदृढ़ कदम है.


उन्होंने कहा, 'इसे देखते हुए यह उपयुक्त है कि आज डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने देश के सभी समूहों में समानता के साथ एक समावेशी समाज के लिए वकालत की थी.'


अधिकारों को मान्यता देने के लिए हो रहा काम
मंडाविया ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को मान्यता देने के लिए एक निर्णायक तरीके से काम कर रही है, बल्कि उनके कल्याण के लिए कई तरह के व्यवस्थित कदम उठाए हैं. 
उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कई पहल करने के लिए बधाई दी. इनमें 'ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019', गरिमा गृह, प्रधानमंत्री दक्ष कार्यक्रम और हाल ही में की गई अन्य योजनाएं/पहल शामिल हैं.


मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नए भारत' की सोच के तहत एक समावेशी समाज की दिशा में सरकार के प्रयासों में समाज के सभी वर्गों के साथ आने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि 'सरकार और समाज' के सहयोग से 'वंचित समुदाय' गरिमा व आत्मनिर्भरता के साथ प्रगति कर सकते हैं.


केंद्रीय मंत्री ने बदलाव के बारे में बताया 
वहीं, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि इस परिवर्तन को लागू करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ देश में रूपांतरणकारी बदलाव हो रहा है. उन्होंने पांच आश्वासनों- शिक्षा, सम्मान के साथ जीवन, स्वास्थ्य सहायता, आजीविका के अवसर और कौशल उन्नयन के पैकेज को लागू करने के लिए एमओएसजेई की ओर से उठाए गए कई कदमों का उल्लेख किया.


कुमार ने कहा कि ये कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं कि हाशिए और वंचित समूह को सम्मानजनक जीवन और आजीविका प्राप्त हो, जिससे वे प्रतिबंधात्मक सामाजिक ढांचों से बाहर निकल सकें.


समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ डॉ. आर. एस. शर्मा और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव आर. सुब्रमण्यम ने हस्ताक्षर किए.


इसे भी पढ़ें- CBI की छापेमारी को लेकर बीजेपी पर भड़के तेजस्वी, बोले- समाजवादी विचारधारा को समाप्त करने का प्रयास



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.