नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा है कि मंदिर निर्माण का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और कार्य प्रगति संतोषजनक है. ट्रस्ट ने दीपावली के एक दिन बाद मंगलवार को मीडिया को उस जगह जाने की इजाजत दी जहां से मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जा सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राम मंदिर का 40 प्रतिशत काम पूरा
ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने अयोध्या में मीडिया को बताया, 'मुख्य मंदिर का 40 प्रतिशत और कुल मिलाकर परिसर में 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. हम निर्माण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता से संतुष्ट हैं.'


भ्रमण के दौरान मीडिया को उस स्थान पर भी ले जाया गया जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले शनिवार को मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया था. राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.



दिसम्बर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा मंदिर का प्रथम तल
उन्होंने बताया कि मंदिर का प्रथम तल दिसम्बर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि उसके बाद मकर संक्रांति पर 14 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और उसे श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख साधु-संतों की प्रतिमाएं लगवाने के लिए स्थान निर्धारित करने का भी फैसला किया है.


श्रद्धालुओं के लिए जनवरी 2024 में खुल जाएगा राम मंदिर
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा करके मंदिर को श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया जाएगा. 


महासचिव चम्पत राय ने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख साधु-संतों की प्रतिमाएं लगवाने के लिए स्थान निर्धारित करने का भी फैसला किया है. ट्रस्ट ने दीपावली के एक दिन बाद मंगलवार को मीडिया को उस जगह जाने की इजाजत दी जहां से मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जा सकता है.


गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नौ नवम्बर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाये जाने के बाद विवादित रहे परिसर में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था.


5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए किया था भूमि पूजन
प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. योजना के मुताबिक राम मंदिर परिसर में 70 एकड़ क्षेत्र के अंदर वाल्मीकि, केवट, शबरी, जटायु, सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी बनाये जाएंगे.


एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग भी बनाया जा रहा है, जिसमें मंदिर का क्षेत्रफल और उसके प्रांगण सहित कुल आठ एकड़ जमीन शामिल है. इसके पूर्वी भाग में बलुआ पत्थर से बना प्रवेश द्वार होगा. राजस्थान में मकराना पहाड़ियों से लाये जा रहे सफेद संगमरमर का उपयोग मंदिर के गर्भगृह के अंदर किया जाएगा.


इसे भी पढ़ें- ऋषि सुनक... जो गर्व से कहते हैं कि मैं हिंदू हूं और हिंदू होना ही मेरी पहचान है



 Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.