नई दिल्ली: ट्विटर को अपनी गलती का अहसास हो गया है और उसने उन सभी नेताओं के ब्लू टिक वापस कर दिए हैं जिनके अकाउंट से ये टिक हटा दिया गया था. इनमें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मोहन भागवत और सुरेश जोशी समेत तमाम संघ के स्वयंसेवक शामिल थे.


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केंद्र की सख्ती के आगे झुका ट्विटर


मोहन भागवत के अलावा दूसरे तमाम RSS नेताओं के अकाउंट को भी बहाल कर दिया गया है. ऐसे में इस विवाद को ठंडा करने का प्रयास जरूर हुआ है, लेकिन तल्खी अभी भी जारी है.



मोदी सरकार ने ट्विटर पर भारत के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया था. भारत सरकार के नए कानूनों के चलते ट्विटर तनाव में है और बेतुके काम कर रहा है.


उपराष्ट्रपति से ब्लू टिक वापस लेने पर मचा था हंगामा


सबसे पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के ट्विटर अकाउंट का वेरिफिकेशन रद्द कर दिया गया था. इसके बाद भारत में ट्विटर की आलोचना शुरू हो गया था. ट्विटर ने दलील दी थी कि उप राष्ट्रपति की तरफ से उनके अकाउंट को लंबे समय से लॉग इन नहीं किया गया, उसी वजह से उनका ब्लू टिक हटा दिया गया.


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RSS नेताओं को भी ब्लू टिक बहाल


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत समेत सभी सर कार्यवाह के ट्विटर अकाउंट अन वेरिफाइड कर दिए गए थे. इनमें कृष्ण गोपाल और सुरेश जोशी भी शामिल हैं. 


केंद्र और ट्विटर के बीच जारी विवाद की बात करें तो भारत सरकार की तरफ से अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अल्टीमेटम दे दिया गया है. साफ निर्देश है कि नए नियम अगर समय रहते लागू नहीं किये गए तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कार्रवाई होगी.


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