केजरीवाल ने सिसोदिया के बाद कैलाश गहलोत पर जताया भरोसा, जानें किसे कौन सा मंत्रालय मिला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी कैबिनेट में दो नए मंत्री शामिल नहीं करने जा रहे हैं. मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद उनके सभी 18 विभाग दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत व राजकुमार आनंद के बीच बांट दिए गए हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद केजरीवाल के मंत्रिमंडल में बड़ी फेरबदल हुई है. सिसोदिया के सभी 18 विभाग को दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के बीच बांट दिए गए हैं. मनोज तिवारी ने सिसोदिया और जैन के इस्तीफे को भाजपा की नैतिक जीत बताते हुए पार्टी नैतिकता के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी इस्तीफा देने की मांग की है.
किसे मिला कौन सा मंत्रालय?
सूत्रों के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि फिलहाल मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट में नए मंत्री शामिल नहीं करने जा रहे हैं. हालांकि दो नए चेहरे को कैबिनेट में शामिल करने का प्लान है. वहीं मनीष सिसोदिया के सभी 18 विभाग को कैलाश गहलोत व राजकुमार आनंद के बीच बांट दिया गया है. दोनों ही दिल्ली सरकार में मंत्री हैं.
कैलाश गहलोत को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, इसका मतलब ये है कि इस बार दिल्ली का बजट कैलाश गहलोत पेश करेंगे. कैलाश गहलोत को वित्त मंत्रालय के अलावा गृह, पीडब्ल्यू और जल विभाग भी सौंपा गया है. राजकुमार आनंद को शिक्षा मंत्रालय के अलावा सिसोदिया के 10 विभागों का जिम्मा दिया गया है.
'कैबिनेट में 2 नए चेहरे शामिल होंगे'
दिलीप पांडेय ने कहा कि 'मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के काम ने दिल्ली ही नहीं देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया. जनता का स्नेह, आशीर्वाद दोनों के साथ था, है और रहेगा. केजरीवाल सरकार का मोटो रहा है, सेवा, सियासत से ऊपर.. कैबिनेट में 2 नए चेहरे शामिल होंगे, जिससे जनता का कोई काम न रुके.'
मनीष सिसोदिया के पास थे ये 18 विभाग
मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. बता दें, उनके पास शिक्षा, वित्त, भूमि और भवन, योजना, सेवाएं, पर्यटन, कला-संस्कृति और भाषा, जागरूकता, श्रम और रोजगार, लोक निर्माण विभाग के अलावा स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण व जल विभाग थे. माना जाता है कि मनीष सिसोदिया केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद नेता हैं. उन्हीं के पास दिल्ली सरकार के सबसे अहम विभाग थे.
सत्येंद्र जैन के विभाग भी संभाल रहे थे सिसोदिया
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से मनीष सिसोदिया ही उनके 6 विभाग संभाल रहे थे. जैन ने गिरफ्तारी के करीब 9 महीने बाद अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है.
मनोज तिवारी ने की केजरीवाल के इस्तीफा की मांग
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे को भाजपा की नैतिक जीत बताते हुए पार्टी सांसद मनोज तिवारी ने नैतिकता के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी इस्तीफा देने की मांग की है. दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं लोक सभा सांसद मनोज तिवारी ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जबरदस्त फटकार के बाद आम आदमी पार्टी का नशा टूटा है, नींद टूटी है और आखिरकार मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को इस्तीफा देना ही पड़ा.
दोनों मंत्रियों के इस्तीफे को भाजपा की नैतिक जीत बताते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों को संबल और बल देने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं हैं, इसलिए नैतिकता के आधार पर केजरीवाल को भी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
मिली जानकारी के अनुसार,मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पिछले कई महीनों से जेल में बंद केजरीवाल के एक अन्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा से दिया है. बताया जा रहा है कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन दोनों का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है.
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