मुंबई: भारत उस बदनुमा दाग को कभी नहीं भुला पाएगा जो 2008 की कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं को बदनाम करने के लिये लगाया था. तब मालेगांव ब्लास्ट के बहाने देश में भगवा आतंकवाद की फर्जी कहानी कांग्रेस के नेता पी. चिदंबरम और दिग्विजय सिंह के द्वारा बनाई गयी थी जिसे बाद में अदालत ने झूठा और फर्जी करार दिया था. जांच के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह को अब उद्धव ठाकरे की सरकार ने मुंबई का पुलिस कमिश्नर बना दिया है. 


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एटीएस में आईजी रह चुके हैं परमबीर


परमबीर सिंह एटीएस में डिप्टी आईजी के पद पर भी रह चुके हैं. वे चंद्रपुर और भंडारा के जिला पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं. मुंबई पुलिस कमिश्नर की रेस में परमबीर के साथ पुणे पुलिस आयुक्त के वेंकटेशम और 1988 बैच के आईपीएस अफसर रजनीश सेठ का भी नाम था. लेकिन तथाकथित हिंदुत्ववादी पार्टी शिवसेना की सरकार ने परमबीर सिंह को वरीयता दी.



इकबाल कासकर की गिरफ्तारी में बड़ी भूमिका


सितंबर 2017 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी के वक्त परमबीर सिंह ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे. इकबाल को बिल्डर से उगाही की धमकी के आरोप में ठाणे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. 


अंडरवर्ल्ड नेटवर्क तोड़ने के लिये जाने जाते हैं परमबीर


1993 के सीरियल बम ब्लास्ट के एक आरोपी को भी परमबीर सिंह ने पकड़ा था. इसके अलावा ठाणे पुलिस कमिश्नर रहने के दौरान इन्होंने ड्रग्स रैकिट केस में बॉलीवुड ऐक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को आरोपी बनाया थी. ममता का पति विकी गोस्वामी भी इस केस में शामिल था. ड्रग्स रैकिट के केस में चंडीगढ़ के डीआईजी शाजी मोहन को भी गिरफ्तार किया था. अपने करियर में परमबीर सिंह ने अंडरवर्ल्ड से जुड़े बहुत सारे ऑपरेशन किए. 



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