नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का आम बजट पेश कर रही हैं. ये उनका 5वां और देश का 75वां बजट है. सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है, जो पिछले बजट में खड़ी की गई नींव पर पड़ा है. हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति समेत सभी को जगह मिले. इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि इस बजट से सरकार की क्या प्राथमिकताएं हैं.


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बताया क्या है सरकार की प्राथमिकता
वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा कि बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जिसमें समावेशी वृद्धि, हरित विकास, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र, अंतिम छोर तक पहुंच, बुनियादी ढांचे का विकास और क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल शामिल है. इस 7 प्राथमिकता को वित्त मंत्री ने सप्तर्षि की अवधारणा पर आधारित बताया है. 


बताया इसे अमृतकाल का बजट
सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है, जो पिछले बजट में खड़ी की गई नींव पर पड़ा है. हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति समेत सभी को जगह मिले.



वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है. इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी. इस 'जनभागीदारी' के लिए 'सबका साथ, सबका प्रयास' अनिवार्य है.


एक साल बढ़ाई मुफ्त राशन योजना
सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए. हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है.


वहीं, वित्त मंत्री ने कहा कि एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराने लिये राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय गठित किया जाएगा. वहीं, औषधि क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.


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