नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले एनडीए की सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल का एक हिस्सा हैं. केंद्रीय मंत्री ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि RSS प्रमुख का यह बयान पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता है. रामदास अठावले ने कहा कि "सभी को हिंदू कह देना पूरी तरह से सही नहीं है. एक समय था जब देश में सिर्फ एक ही धर्म हुआ करता था. सभी लोग बुद्धिस्ट माने जाते थे या अपनाने लगे थे. लेकिन जब हिंदुत्व आ गया तो हम खुद को एक हिंदू राष्ट्र कहने लग गए." 



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अठावले ने तुरंत बदला रूख


रामदास अठावले का यह बयान RSS के साथ-साथ भाजपा के कुछ नेताओं को भी शायद पसंद न आए. लेकिन उनके लिए जो इसे गलत तर्ज पर न ले लें, केंद्रीय मंत्री अठावले ने अपनी बात को अंत में संभाला. उन्होंने कहा कि "अगर उनके कहने का मतलब यह है कि हमसब एक ही हैं या सभी हमारे ही हैं, तो यह बहुत अच्छी बात है."


क्या था आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान ?


दरअसल, केंद्रीय मंत्री का यह बयान संघ प्रचारक और प्रमुख मोहने भागवत के उस बात पर आया जिसमें उन्होंने भारत को एक हिंदू देश मानने के पीछे एक तर्क दिया. भागवत ने कहा कि भले कोई किसी भी धर्म से हो लेकिन भारत में रहने वाला हर इंसान यानी की 130 करोड़ आबादी हिंदू धर्म की विचारधारा वाली आबादी ही है. 


भागवत के इस बयान के बाद सोशल मीडिया में ट्रोलिंग तो शुरू हो ही गई है लेकिन राजनेता भी इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. भाजपा के सहयोगी दल रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के संस्थापक रामदास अठावले जो अपने चुटीले अंदाज के लिए जाने जाते हैं, आज मोहन भागवत के बयान पर जो हिंदुत्व एजेंडे से जुड़ा हुआ था. महाराष्ट्र में भाजपा के हाथ से सत्ता की कमान छुट जाने के बाद से भी अठावले का बयान अब थोड़ा गंभीर ही आता है. यह भी उसी का एक ट्रेलर था.